SC का बड़ा निर्देश: सजा पूरी कर चुके कैदियों को रिहा करें, देशभर की जेलों में होगी पड़ताल

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी करते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वे अपनी जेलों में ऐसे कैदियों की पड़ताल करें जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन वे अभी भी जेल में बंद हैं। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन की डिवीजन बेंच ने यह आदेश एक कैदी की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया, जिसने बताया था कि सजा पूरी होने के बाद भी उसे रिहा नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने ऐसे सभी कैदियों को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है, जिनके खिलाफ कोई अन्य मामला लंबित नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) को इस आदेश की प्रति भेजने का निर्देश दिया है, ताकि इसे राज्य और जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों (SLSA, DLSA) तक पहुँचाया जा सके। इन प्राधिकरणों को जेलों में जाकर यह पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई है कि किन कारणों से सजा पूरी कर चुके कैदियों की रिहाई रुकी हुई है। अक्सर देखा गया है कि जमानतदार न मिलने या जेल बांड की शर्तों को पूरा न कर पाने के कारण ऐसे कैदी जेल में बंद रहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे कैदियों की मदद करेगा और उनकी रिहाई के लिए जरूरी शर्तें पूरी करने में सहायता करेगा। छत्तीसगढ़ की जेलों में भी इस निर्देश के तहत पड़ताल होगी, क्योंकि बिलासपुर हाई कोर्ट में एक पीआईएल के दौरान यह तथ्य सामने आया था कि कई कैदी सजा पूरी होने के बाद भी जेल में बंद हैं। इस कदम से हजारों कैदियों को फायदा मिलने की उम्मीद है, जिन्हें तकनीकी कारणों से आजादी नहीं मिल पा रही थी।

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