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अभी नहीं टला संकट! देहरादून से धराली तक भारी खतरा, बारिश और पत्थरों ने बढ़ाई मुश्किलें, यातायात बुरी तरह प्रभावित
अभी नहीं टला संकट! देहरादून से धराली तक भारी खतरा, बारिश और पत्थरों ने बढ़ाई मुश्किलें, यातायात बुरी तरह प्रभावित
उत्तराखंड में भारी बारिश और मलबा गिरने से देहरादून से धराली तक खतरा बरकरार। NH-108 समेत कई मार्ग बाधित, प्रशासन ने राहत कार्य तेज किया।
देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में आई भयानक आपदा के बाद भी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। मसूरी से सुवाखोली तक तेज बारिश और पहाड़ों से गिरते पत्थरों ने रास्ते को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे देहरादून से उत्तरकाशी का सफर सामान्य पाँच घंटे की जगह आठ घंटे में पूरा हुआ। स्थानीय प्रशासन लगातार राहत और मार्ग सुधार के प्रयास कर रहा है, लेकिन बारिश के कारण खतरा अभी टला नहीं है।
मंगलवार को धराली में बादल फटने के कारण पूरे इलाके में अफरातफरी मची हुई है। मसूरी से सुवाखोली तक का मार्ग तो सामान्य था, लेकिन रौतू वैली, अलमस बैंड और भवान के बीच लगातार पत्थर गिरने से यात्रियों में भय व्याप्त है। आबली-साबली और थान गांव के पास बहती गाड़ियाँ उफनती नदी जैसी लग रही थीं, जिसने स्थानीय ग्रामीणों को डरा दिया। पर्यटकों के लिए मशहूर मोरयाणा टॉप क्षेत्र सुनसान और वीरान दिखाई दिया, जहां सुबह सात बजे से होने वाली चहल-पहल आज लगभग बंद थी।
मौरयाणा टॉप से चिन्यालीसौंड के बीच सड़कों पर पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है। हालांकि, लोनिवि की जेसीबी मशीनें लगातार मलबा हटाने का काम कर रही हैं, जिससे मार्ग आंशिक रूप से खुला रखा गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-108 पर धरासू के पास नालूपानी क्षेत्र में पहाड़ी से भारी मलबा गिरने से मार्ग कई घंटे बंद रहा, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। प्रशासन ने जेसीबी की मदद से मलबा हटाकर यातायात सुचारू किया, लेकिन कुछ समय बाद फिर से मलबा गिरने की वजह से बाधा बनी रही।
उत्तरकाशी मुख्य बाजार में भी आपदा के बाद सामान्य चहल-पहल नहीं दिखी, केवल प्रशासनिक वाहनों की आवाजाही ही थी। दोपहर बाद मौसम में कुछ सुधार हुआ और हर्षिल हेलीपैड से राहत एवं बचाव के लिए हेलीकॉप्टर ऑपरेशन शुरू हो गया, जो लगातार जारी है। प्रशासन और रेस्क्यू टीमों की पूरी कोशिश है कि खतरे को नियंत्रित किया जाए और प्रभावित लोगों की मदद की जा सके। हालांकि, पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश और मलबा गिरने के कारण स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है।
