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CID के AIG पर ₹30 लाख की धोखाधड़ी का आरोप, FIR न होने पर फैशन डिजाइनर ने DGP को भेजा लीगल नोटिस
भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय की सीआईडी शाखा में पदस्थ एआईजी राजेश मिश्रा पर राजस्थान की एक फैशन डिजाइनर महिला ने ₹30.59 लाख की धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाया है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस में विधिवत शिकायत और सभी पुख्ता तथ्य दिए जाने के बावजूद, अभी तक एआईजी मिश्रा के खिलाफ कोई मुकदमा (एफआईआर) दर्ज नहीं किया गया है।
इस पर पीड़िता महिला ने अब मध्यप्रदेश के डीजीपी कैलाशा मकवाना को लीगल नोटिस भिजवाया है।
जांच के नाम पर टालमटोल और समझौते का दबाव
पीड़िता ने डीजीपी को भेजे लीगल नोटिस में आरोप लगाया है कि शिकायत, ईमेल्स, चैट्स और अन्य डिजिटल सबूत सौंपने के बाद भी जानबूझकर एफआईआर नहीं की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एआईजी राजेश मिश्रा को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस मुख्यालय द्वारा इस मामले की जांच के लिए पीड़िता को 21 नवंबर को सबूतों के साथ बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया गया था। लेकिन पीड़िता का आरोप है कि जांच के नाम पर मामले को लंबा खींचा जा रहा है और उन्हें समझौते का दबाव बनाने की कोशिश की गई।
जयपुर में लाखों का भुगतान और ब्लॉक किया नंबर
जयपुर की रहने वाली फैशन डिजाइनर महिला ने एआईजी राजेश मिश्रा पर आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण का भी आरोप लगाया है। शिकायत के मुताबिक, सितंबर महीने में राजेश मिश्रा ने अपनी बेटी का जन्मदिन जयपुर में मनाने की बात कही थी और पीड़िता से एक होटल में दो कमरे बुक करवाने को कहा। होटल के लिए पीड़िता ने 98 हजार रुपये का भुगतान किया था।
शिकायत में आगे कहा गया है कि इसी दौरान एआईजी राजेश मिश्रा की पत्नी ने ₹26 लाख की ज्वेलरी और ₹3 लाख की डिजाइनर ड्रेस खरीदी, जिसका भुगतान भी पीड़िता से करवाया गया। एआईजी मिश्रा ने वादा किया था कि वह यह पूरा खर्च जल्द ही लौटा देंगे, लेकिन जयपुर से निकलते ही उन्होंने पीड़िता का नंबर ब्लॉक कर दिया।
डीजीपी को भेजे लीगल नोटिस में पीड़िता ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन के भीतर एफआईआर दर्ज कर निष्पक्ष एजेंसी से जांच शुरू नहीं करवाई गई, तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
