PCS अधिकारी के ठिकानों पर ED की दबिश, 162 करोड़ के घोटाले से जुड़ा है मामला

PCS अधिकारी के ठिकानों पर ED की दबिश, 162 करोड़ के घोटाले से जुड़ा है मामला

राष्ट्रीय राजमार्ग-74 चौड़ीकरण घोटाले में ईडी ने उत्तराखंड PCS अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह के देहरादून स्थित ठिकानों पर छापेमारी की। सिंह पर भूमि अधिग्रहण में घोटाले और ₹162.5 करोड़ के नुकसान का आरोप है।

देहरादून: उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग 74 के चौड़ीकरण में हुए कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में गुरुवार को ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने देहरादून में उत्तराखंड के एक अधिकारी और अन्य के खिलाफ छापेमारी की है। यह मामला साल 2017 का है। यह छापा पीसीएस (प्रांतीय सिविल सेवा) अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह के ठिकानों पर मारा गया, जो कि वर्तमान में देहरादून में डोईवाला चीनी मिल के कार्यकारी निदेशक के रूप में तैनात हैं। यह मिल उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस दौरान उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में नौकरशाह से जुड़े कम से कम सात स्थानों पर PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) के प्रावधानों के तहत छापेमारी की गई।

सूत्रों के अनुसार, सिंह ने NH-74 और NH-125 के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित भूमि के उपयोग को पिछली तारीख में आदेश पारित करके बदल दिया था, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को 162.5 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। यह तब हुआ जब वह भूमि अधिग्रहण के सक्षम प्राधिकारी के रूप में काम कर रहे थे। धन शोधन का यह मामला उत्तराखंड पुलिस द्वारा सिंह, राजस्व अधिकारियों, किसानों और बिचौलियों के खिलाफ 2017 की FIR और उसके बाद चार्जशीट से उपजा है। इस मामले में सितंबर 2020 में ईडी ने एक बयान जारी करते हुए कहा था, पुलिस ने पाया कि भूमि अधिग्रहण के सक्षम प्राधिकारी की हैसियत से काम कर रहे सिंह और कुछ अन्य लोगों ने सरकारी धन के दुरुपयोग के लिए अन्य लोक सेवकों, किसानों और बिचौलियों के साथ साजिश रची। 

उन्होंने उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम 1950 की धारा 143 के तहत पारित बैकडेट आदेशों के आधार पर गैर-कृषि दर पर मुआवज़ा देकर ऐसा किया। ईडी ने बताया कि गैर-कृषि दर का मुआवजा कृषि दर से बहुत अधिक है। केंद्रीय एजेंसी ने इस जांच के तहत 2024 में सिंह और कुछ अन्य के खिलाफ आरोपपत्र भी दायर कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को हुई ताजा छापेमारी का उद्देश्य मामले में और सबूत जुटाना है। हालांकि छापे में क्या कुछ मिला है, फिलहाल इसका खुलासा नहीं हुआ है।

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