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झारखंड शराब घोटाले में गिरफ्तार IAS विनय चौबे और गजेंद्र सिंह समेत 4 अफसर सस्पेंड
Jharkhand Liquor Scam: झारखंड शराब घोटाले में गिरफ्तार चार अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है. आईएएस विनय चौबे, संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह, जियाडा के रीजनल डायरेक्टर और जेएसबीसीएल के तत्कालीन जीएम सुधीर कुमार और वर्तमान जीएम फाइनेंस सुधीर कुमार दास को निलंबित किया गया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पिछले दिनों इन्हें गिरफ्तार किया था.
रांची-झारखंड शराब घोटाले में गिरफ्तार आईएएस विनय चौबे समेत चार अधिकारी सस्पेंड कर दिए गए हैं. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शराब घोटाले में इन्हें पिछले दिनों गिरफ्तार किया था. जिन चार अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें तत्कालीन उत्पाद सचिव (आईएएस) विनय चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह, जियाडा के रीजनल डायरेक्टर और जेएसबीसीएल के तत्कालीन जीएम सुधीर कुमार और वर्तमान जीएम फाइनेंस सुधीर कुमार दास शामिल हैं.
ये हैं वो चार अधिकारी, जिन्हें किया गया सस्पेंड
झारखंड के तत्कालीन उत्पाद सचिव (आईएएस) विनय चौबे, जियाडा के रीजनल डायरेक्टर और जेएसबीसीएल के तत्कालीन जीएम सुधीर कुमार और वर्तमान जीएम फाइनेंस सुधीर कुमार दास को कार्मिक, प्रशासनिक एवं राजभाषा विभाग की ओर से सस्पेंड किया गया है, जबकि संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को उत्पाद विभाग की ओर से निलंबित किया गया है. इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है.
एसीबी की रिमांड पर हैं विनय चौबे और गजेंद्र सिंह
आईएएस विनय चौबे और संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह एसीबी की दो दिनों की रिमांड पर हैं. गुरुवार और शुक्रवार को उनसे एसीबी के अधिकारी पूछताछ करेंगे. राज्य प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी सुधीर कुमार और सुधीर कुमार दास रांची की बिरसा मुंडा जेल में हैं. एसीबी अब तक पांच आरोपियों को इस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है.
किन्हें कब गिरफ्तार किया गया?
विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 20 मई को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद जियाडा के रीजनल डायरेक्टर और जेएसबीसीएल के तत्कालीन जीएम सुधीर कुमार और जीएम फाइनेंस सुधीर कुमार दास और मार्शन के प्रतिनिधि नीरज को 22 मई को गिरफ्तार किया गया था.
छत्तीसगढ़ में अभयदान....
छत्तीसगढ़ में हुए शाराब घोटाला मामले में फंसे अधिकारियों के खिलाफ अभी तक न ही गिरफ्तारी हुई और न ही उनके खिलाफ अभियोजन चलाने की विधि विभाग से अनुमति मिलने के बाद भी सरकार ने कार्यवाही के लिए हरि झंडी दी है। सुशासन की सरकार का कहना है जीरो टॉलरेंस मोदी की गारंटी है भ्रष्टाचारी , घोटाले बाज कोई भी हो कितना भी ताकतवर हो कार्यवाही होकर रहेगी यह सभी बातें विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार में कही गई थी।
यह बातें अमित शाह ने भी कही थी पर यह सब एक चुनावी जुमले बाजी लगने लगा है क्योंकि स्वयं शराब विभाग मुख्यमंत्री के पास है उसके बाद भी अभी तक अनुमति नहीं दिया जाना समझ से परे है इसी तरह महादेव सट्टा एप में भी किसी भी अधिकारियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है इससे आम जनता को लगने लगा है यह सब जुमले बाजी थी मोदी की गारंटी छत्तीसगढ़ में फेल होती नजर आ रही है।
