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सैया भये कोतवाल तो अब डर काहे का

सैया भये कोतवाल तो अब डर काहे का सैया भये कोतवाल तो डर काहे काकांकेर , राष्ट्रीय सुर्खियों में है।वजह है एक फ़ूड इंस्पेक्टर का किसी बड़े अधिकारी को देने के लिए लिया गया डेढ़ लाख रुपये का आई फोन मोबाईल बांध में गिर गया। मोबाइल को निकलवाने के लिए लाखों लीटर पानी निकलवा दिया।10 […]

सैया भये कोतवाल तो अब डर काहे का
सैया भये कोतवाल तो डर काहे का
कांकेर , राष्ट्रीय सुर्खियों में है।वजह है एक फ़ूड इंस्पेक्टर का किसी बड़े अधिकारी को देने के लिए लिया गया डेढ़ लाख रुपये का आई फोन मोबाईल बांध में गिर गया। मोबाइल को निकलवाने के लिए लाखों लीटर पानी निकलवा दिया।10 गोताखोर लगाए। 4 पंप लगाए। 4 दिन तक बांध खाली होता रहा। मोबाइल मिलने के बाद खबर वायरल हुई। कांकेर कलेक्टर डॉ प्रियंका शुक्ला ने फ़ूड इंस्पेक्टर को सस्पेंड भी कर दिया। एसडीओ को भी नोटिस थमा दिया।
इस घटना के बाद फ़ूड इंस्पेक्टर के जीवन शैली की खबरे आ रही है। महंगी जीप, कार के अलावा शान शौकत की खबरे है। पखांजुर कांग्रेस के पदाधिकारी के साथ साथ खाद्य विभाग के नए रायपुर स्थित बड़े अधिकारी के लिए व्यवस्था कराने की भी बात सामने आ रही है। डेढ़ लाख रुपये के मोबाइल के पीछे चाँवल के बचत घोटाले को दबाने की बात कांकेर में है।
इस फ़ूड इंस्पेक्टर का गृह जिला कांकेर है। इसका घर भी कोयलीबेड़ा में है। शासन के द्वारा अधिकारियों को उनके गृह जिले में पोस्टिंग नही दी जाती है लेकिन 2 साल से ये फ़ूड इंस्पेक्टर अपने गृह जिले के गृह ब्लॉक में काम कर रहा था। बताया जा रहा है कि संचालनालय के एक अधिकारी का कांकेर महीने में 3-4 बार आना जाना लगा हुआ है। इस अधिकारी ने कांकेर जिले के राशनदुकानों के जांच का कार्य भी लिया हुआ है।मामला सुर्खियों में आते ही फूड इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही अधीक्षण अभियंता कार्यालय ने एसडीओ आरके धीवर के वेतन से पानी की राशि वसूलने का आदेश दिया है.मामले में खाद्य विभाग की ओर से अभी किसी तरह की कारवाई के संबंध में कुछ नहींं कहा है। जिला प्रशासन ने अपनी ओर से कारवाई की है। मामले में सिचाई विभाग ने एसडीओ पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं वैसा खाद्य विभाग कब करेगा इसका इंतजार है। यहां पर ईओडब्ल्यू और गृह विभाग को भी कार्यवाही करना चाहिए। सरकार में शिकायत करने के बाद ही फाइल आगे बढ़ती है ऐसे में अब आम लोगों के ही ऐसे अफसरों पर कार्रवाई की जहमत उठानी पड़ेगी।

SDO का नपना तय:
नोटिस के जवाब में SDO ने मामले से पल्ला झाड़ा, कलेक्टर प्रियंका ने सरकार को भेजा कार्यवाही का प्रस्ताव
मोबाईल ढूंढने के लिए परलकोट डैम से 21 लाख लीटर पानी बहाने के मामले में SDO आरएल धीवर का नपना तय है। 24 घंटे में SDO आरएल धीवर से जवाब तलब कर कांकेर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने कार्यवाही का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया है। जल संसाधन विभाग के सचिव को भेजे कार्यवाही का प्रस्ताव में कलेक्टर प्रियंका ने लिखा है …
“आर.एल. धीवर, अनुविभागीय अधिकारी, पखांजूर द्वारा कारण बताओ नोटिस का जवाब संतोषप्रद नहीं होने के कारण उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने की अनुशंसा की जाती है“

प्रियंका शुक्ला, कलेक्टर, कांकेर
डैम मामले में एसडीओ के खिलाफ खिलाफ कार्रवाई के संदर्भ में पूछे गये गयवाल सवाल कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने राष्ट्रीय जगत विजन को बताया कि ..
सक्षम अधिकारी के स्तर से अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा मेरे द्वारा कर दी गई है
प्रियंका शुक्ला, कलेक्टर, कांकेर
दरअसल कांकेर के परलकोट जलाशय में खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास का मोबाइल गिर जाने की वजह से 21 मई 2023 से चार दिन तक लगातार मोटर पंप लगाकर 4104 क्यूबिक मीटर पानी को डैम से बहा दिया गया था। इस मामले में जब मीडिया में खबरें प्रकाशित हुई, तो कांकेर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने कड़ा एक्शन लेते हुए खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं एसडीओ आरएल धीवर को शो-कॉज नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब तलब किया गया था।
आरएल धीवर पर आरोप था कि उन्होंने ही खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास को डैम खाली कराने की मौखिक अनुमति दी थी, जिसके बाद 21 मई से 25 मई तक पंप चलाकर डैम से लाखों लीटर पानी बहा दिया गया। मीडिया में राजेश विश्वास के उसी बयान के आधार पर एसडीओ आरएल धीवर को 26 मई 2023 को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया था, जिसका 27 मई को एसडीओ ने जवाब भेजा।
नोटिस पर शनिवार को जल संसाधन विभाग के SDO आरएल धीवर ने अपना जो जवाब कलेक्टर को भेजा, तो उन्होंने पूरे मामले से ही पल्ला झाड़ लिया। आर.एल. धीवर, अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन, पखांजूर ने कारण बताओ नोटिस के जवाब में कहा है कि उनके द्वारा घटना की कोई जानकारी नहीं थी। जलाशय से पानी निकालने के लिए अनुमति उन्होंने नहीं दिया है। जवाब में उन्होने बताया है कि जलाशय से पानी खाली किए जाने की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही करते हुए डीजल पंप को बंद कराया गया तथा उक्त स्थान से डीजल पंप को हटवाया गया।
सचिव को भेजे कार्रवाई प्रस्ताव में कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने कहा है कि…
आरएल धीवर, अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन, पखांजूर को परलकोट जलाशय पखांजूर से लगातार 4 दिनों तक मोटर पंप से पानी निकालने के बावजूद सूचना प्राप्त नहीं होना तथा 4 दिन बाद सूचना प्राप्त होने के बावजूद उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया जाना, यह दर्शाता है कि क्षेत्र में उनके द्वारा जलाशयों का नियमित पर्यवेक्षण नहीं किया जाता है, जो उनके पदीय दायित्वों के निर्वहन के प्रति उनकी लापरवाही एवं उदासीनता का द्योतक है।अतएव आर.एल. धीवर, अनुविभागीय अधिकारी, पखांजूर द्वारा कारण बताओ नोटिस का जवाब संतोषप्रद नहीं होने के कारण उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने की अनुशंसा की जाती है ।