छुईखदान में जनआक्रोश: सीमेंट प्लांट के खिलाफ 39 गांवों का उग्र आंदोलन, पुलिस का लाठीचार्ज

खैरागढ़: छुईखदान में प्रस्तावित सीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध शनिवार को उग्र हो गया। 39 गांवों के 5,000 से अधिक लोग खैरागढ़ पहुंचे और जनसुनवाई रद्द करने की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। भीड़ बढ़ने और माहौल बिगड़ने पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं, जिसके बाद हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। प्रदर्शन के चलते खैरागढ़–राजनांदगांव मुख्य मार्ग घंटों तक जाम रहा। ग्रामीणों का कहना है कि फैक्ट्री से खेत, जलस्रोत और पर्यावरण को नुकसान होगा, इसलिए योजना वापस लिए बिना आंदोलन खत्म नहीं होगा। प्रशासन और ग्रामीणों के बीच जल्द बातचीत की उम्मीद है, लेकिन क्षेत्र में तनाव बना हुआ है।

प्रदर्शन के दौरान कई जगहों पर ग्रामीणों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई, जिससे तनाव और बढ़ गया। मौके पर मौजूद सामाजिक संगठनों ने आग्रह किया कि बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाए, लेकिन उग्र भीड़ किसी भी समझाइश को सुनने के मूड में नहीं थी। कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि प्रशासन बिना उनकी अनुमति और सहमति के परियोजना को आगे बढ़ा रहा है, जिससे उनका भरोसा टूट गया है। उनका कहना है कि वह विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन विकास ऐसा होना चाहिए जो उनकी जमीन, जलस्रोत और प्राकृतिक संसाधनों को खत्म न करे।

उधर, प्रशासन का कहना है कि परियोजना से संबंधित सभी प्रक्रियाएँ नियमों के अनुसार पूरी की जाएंगी और ग्रामीणों की आपत्तियों और पर्यावरणीय प्रभाव का विस्तृत मूल्यांकन किया जाएगा। अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि किसी भी निर्णय से पहले ग्रामीणों की राय को महत्व दिया जाएगा। हालांकि, लगातार बढ़ते विरोध को देखते हुए प्रशासन ने इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल बनाए रखने और रातभर चौक-चौराहों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। स्थिति भले ही फिलहाल नियंत्रण में हो, लेकिन तनाव कम नहीं हुआ है, और आने वाले दिनों में आंदोलन के और तेज होने की आशंका जताई जा रही है।

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