ये क्या...ओ पी चौधरी की आलोचना करने वाले ने अचानक क्यों पढ़े तारीफ में कसीदे?

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में इन दिनों सोशल मीडिया पर एक यूजर के बदले हुए सुर चर्चा का विषय बने हुए हैं। यह पूरा मामला वित्त मंत्री ओ पी चौधरी और उनके फैसलों की आलोचना से जुड़ा है। एक यूजर, प्रतीक पांडे, ने पहले मंत्री चौधरी के खिलाफ तीखी टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया था कि उनकी नीतियों से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की स्थिति खराब हो गई है, कार्यकर्ता का मनोबल टूट गया है, और जनता में तीव्र आक्रोश है। प्रतीक पांडे ने यहां तक कह दिया था कि चौधरी के तंत्र ने नौकरशाही को निरंकुश बना दिया है और वे ईओडब्ल्यू व एसीबी का डर दिखाकर काम करवा रहे हैं। 

अब अचानक चौबीस घंटे में बदल गया नजरिया

इस जोरदार आलोचना के कुछ ही समय बाद, प्रतीक पांडे के सोशल मीडिया पोस्ट का मिजाज पूरी तरह से बदल गया। अब उन्होंने मंत्री ओ पी चौधरी की जोरदार तारीफ शुरू कर दी। अचानक हुए इस बदलाव ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।

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तारीफ के नए बोल में प्रतीक पांडे ने बिल्डर, प्रॉपर्टी ब्रोकर और राजस्व निरीक्षकों से चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि कुछ विसंगतियों को छोड़ दें, तो ओ पी चौधरी जी ने बढ़िया निर्णय लिया है। जिस पोस्ट में पहले पार्टी के तहस-नहस होने और जनता में तीव्र आक्रोश की बात कही जा रही थी, उसी यूजर ने अब कहा कि, जैसे-जैसे चर्चा होगी और स्पष्टता आएगी, माहौल शांत होता जाएगा।

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पांडे ने मंत्री चौधरी के खुले मन से काम करने की जमकर प्रशंसा की, जिसकी उन्होंने पहले घोर आलोचना की थी। उन्होंने मंत्री से सिर्फ एक अनुरोध किया कि वे उचित चिंताओं पर तत्काल और प्रभावी कदम उठाएं, ताकि आमजन और व्यवसायी का भरोसा सरकार पर बढ़ सके। अंत में उन्होंने मंत्री को सलाह दी कि यह बढ़िया निर्णय है और उन्हें किसी दबाव में आने की आवश्यकता नहीं है, बस मन खुला रखें।

यह रिश्ता क्या कहलाता है?

सोशल मीडिया पर एक ही यूजर द्वारा पहले कड़ी आलोचना और फिर अचानक जोरदार प्रशंसा किए जाने को लेकर लोग तरह-तरह के सवाल उठा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह घटनाक्रम दिखाता है कि सत्ता के गलियारों में समीकरण कितनी तेजी से बदलते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह दबाव या समझौते का नतीजा हो सकता है, जिसके बाद आलोचक अचानक समर्थक बन गया। इस पूरे नाटकीय घटनाक्रम ने सोशल मीडिया पर इस सवाल को फिर से जिंदा कर दिया है कि आखिर मंत्री ओ पी चौधरी और उनके पूर्व आलोचक प्रतीक पांडे के बीच यह रिश्ता क्या कहलाता है?

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