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खाद्य विभाग के बड़े अधिकारियों को नापने की तैयारी हुई शुरू

खाद्य विभाग के बड़े अधिकारियों को नापने की तैयारी हुई शुरू रायपुर : प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सहित खाद्य मंत्री को हल्के से लेना भारी पड़ गया है। विधानसभा में डॉ रमन सिंह के द्वारा उठाये गए प्रश्न के जवाब में अमरजीत भगत ने स्वीकार किया था कि […]

खाद्य विभाग के बड़े अधिकारियों को नापने की तैयारी हुई शुरू
रायपुर : प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री सहित खाद्य मंत्री को हल्के से लेना भारी पड़ गया है। विधानसभा में डॉ रमन सिंह के द्वारा उठाये गए प्रश्न के जवाब में अमरजीत भगत ने स्वीकार किया था कि लगभग 254 करोड़ रुपये मूल्य का 6 लाख 80 हजार क्विन्टल चाँवल का हिसाब नही मिल रहा है। एक सप्ताह में कार्यवाही कर सूचना देने का आश्वासन भी दिया गया था।


डॉ रमन सिंह ने जानकारी मांगी थी कि क्या दो महीने पूरा चाँवल राशनदुकानो को देने के बाद तीसरे महीने बचे चाँवल का कोटा काट कर दिया गया। इसके जवाब में गोलमोल जवाब दिया जाकर लीपापोती कर बड़े अधिकारियों को बचाने औऱ छोटे राशनदुकानदारो के मकान, खेत, जमीन, वाहन नीलामी की कार्यवाही शुरू हो गयी।
डॉ रमन सिंह ने दो पत्र केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल को लिख कर अरबो के चाँवल घोटाले की विस्तार से जानकारी दी थी।


इस मामले की जांच करने के लिए दिल्ली से सेक्रेटरी स्तर के 3 अधिकारियों के साथ हैदराबाद के एनआईसी डायरेक्टर भी जांच में आई हुई है।
इधर ये जानकारी मिली है कि राशनदुकानदारो के विरुद्ध एफआईआर, राजस्व वसूली की बात बता कर जांच दल का ध्यान भटकाने का काम किया जा रहा है। जांच की संभावना को देखते हुए 12 हज़ार राशनदुकानो में घोषणा पत्र को विभाग के पोर्टल से वैसे ही हटा दिया गया है जैसे खनिज विभाग में कोयला परिवहन के लिए समीर विश्नोई ने गेटपास सिस्टम को हटा दिया था।
टीम को जांच में इस बात की भी जानकारी है कि किसी भी डायरेक्टर को 4 -5 महीने से ज्यादा रखा नही जाता था और एक स्थाई अधिकारी सारे खेल को अंजाम दे रहा था। इसकी भूमिका की भी विशेष जांच की संभावना है