अब नहीं लगेगी तारीख़ पर तारीख़, इस सिस्टम से सब पेंडिंग केस साफ़ हो जाएंगे

अब नहीं लगेगी तारीख़ पर तारीख़, इस सिस्टम से सब पेंडिंग केस साफ़ हो जाएंगे CJI बनते ही जस्टिस यूयू ललित (UU Lalit) ने पेंडिंग केसेज के निपटारे का काम तेजी से शुरू कर दिया है. ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने 12 दिन के कार्यकाल में यूयू ललित लगभग 4000 केस क्लियर कर चुके हैं. […]

अब नहीं लगेगी तारीख़ पर तारीख़, इस सिस्टम से सब पेंडिंग केस साफ़ हो जाएंगे

CJI बनते ही जस्टिस यूयू ललित (UU Lalit) ने पेंडिंग केसेज के निपटारे का काम तेजी से शुरू कर दिया है. ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने 12 दिन के कार्यकाल में यूयू ललित लगभग 4000 केस क्लियर कर चुके हैं. शुरू से ही CJI कहते आए हैं कि 74 दिनों के छोटे से कार्यकाल में उनका पहला मकसद लंबे समय से लटकते आ रहे मामलों को लिस्ट करना और निपटाना है. ये बात सच भी साबित हो रही है।

CJI यूयू ललित के पदभार संभालने के बाद से कुल 16 हज़ार 875 पेंडिंग मामलों को लिस्ट किया गया है. इसमें से 3,797 मामलों का निपटारा भी कर दिया गया है. इसमें सबसे ज्यादा मामले CJI ललित के कार्यकाल के पहले दिन क्लियर किए गए. संख्या है 546.

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यू यू ललित ने क्या कमाल किया?
यूयू ललित के नए लिस्टिंग सिस्टम को समझने से पहले कोर्ट के मामलों के समझना जरूरी है. कोर्ट में दो तरह के मामले होते हैं. नियमित मामले और फ्रेश मामले (Miscellaneous Case). नियमित मामलों में आमतौर पर पुरा नी अपीलें शामिल होती हैं जिनकी आखिरी सुनवाई होनी है.

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नए सिस्टम में सोमवार और शुक्रवार को जजों की तीन बेंच दिन के 60-70 से ज्यादा फ्रेश मामलों की सुनवाई करती हैं. वहीं मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को लंच से पहले (10 से 2 बजे) जजों की तीन बेंचों को फ्रेश और नियमित केसों के लिए बांटा जाता है. फिर दोपहर 2 बजे के बाद सिर्फ फ्रेश केसों के लिए बेंच बैठती है. दो घंटे के इस सेशन में रोज़ लगभग 30 फ्रेश केस निपटाए जा रहे हैं.

बता दें कि इससे पहले हर रोज सुबह 10 बजे से ही फ्रेश केस उठाए जाते थे, जिसके चलते नियमित केसों का नंबर ही नहीं आ पाया और बैकलॉग बढ़ने लगा।

हाल ही में वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने बेंच से वकीलों को लंच करने के लिए कुछ समय देने को कहा था. नियमित मामलों की अचानक लिस्टिंग होने के चलते वकील केस की तैयारी करने और सीनियर वकीलों को शामिल करने के लिए भी समय की मांग कर रहे हैं.

जस्टिस कौल और एएस ओका की बेंच ने एक केस को 15 नवंबर तक के लिए स्थगित करते हुए कहा-

नए लिस्टिंग सिस्टम में सुनवाई के लिए फिक्स किए गए फ्रेश मामले लेने के लिए पर्याप्त समय मिल रहा है. 2 बजे के लिए बाद वाले समय में काफी फ्रेश केस इकट्ठा हो जाते हैं.

सुप्रीम कोर्ट में कितने केस पेंडिंग हैं?
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, 1 सितंबर, 2022 तक सुप्रीम कोर्ट में कुल 70 हज़ार 310 मामले लंबित थे. इनमें 51 हज़ार 839 विविध मामले और 18 हज़ार 471 नियमित मामले शामिल थे.
रिपोर्ट कहती है कि अगर वर्तमान दर से मामले क्लियर किए जाएं तो कार्यकाल पूरा होने तक CJI ललित इस बैकलॉग का लगभग 18 फीसदी या कहें लगभग 12 हज़ार 500 मामलों का निपटारा कर देंगे.
अलग-अलग हाईकोर्ट में कितने केस पेंडिंग?
कानून मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 29 जुलाई, 2022 तक देश भर के 25 उच्च न्यायालयों में 59 लाख 55 हज़ार 907 मामले लंबित हैं

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