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हाई कोर्ट में न्याय की गति धीमी परेशान पीड़ितों ने लगाई गुहार, याचिका दायर कर की मामलों की समीक्षा की मांग
बिलासपुर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या और सुनवाई में हो रही लेट लतीफी को लेकर पीड़ितों ने चिंता जताई है।
कोर्ट नंबर 3 में सूचीबद्ध सर्विस मैटर से संबंधित मामलों की धीमी सुनवाई से परेशान याचिकाकर्ताओं ने अब न्याय के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कोर्ट नंबर 3 के माननीय न्यायमूर्ति रविन्द्र कुमार अग्रवाल को आवंटित सर्विस मैटर की समीक्षा कर न्याय हित में उचित निर्णय लेने की मांग की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, माननीय हाईकोर्ट जस्टिस श्री रविन्द्र कुमार अग्रवाल की कोर्ट में सर्विस मैटर के सैकड़ों नए मामले सूचीबद्ध होने के बावजूद सुनवाई बहुत धीमी गति से हो रही है। पीड़ितों का आरोप है कि नए मामलों को तीसरे या चौथे लिस्टिंग डेट में ही सुना जाता है, जिससे कई मामले अप्रभावी हो जाते हैं। सैकड़ों नए मामलों की नॉर्टिच सूची लगातार बढ़ती जा रही है, जिससे लंबित मामलों का अंबार लग गया है।
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि सुनवाई की नियमित व्यवस्था का पालन नहीं हो रहा है। लिस्ट 2 (मोशन हियरिंग) और लिस्ट 3 (फाइनल हियरिंग) के मामले न तो स्पर्श किए जा रहे हैं और न ही उन पर सुनवाई हो रही है। इस स्थिति से पीड़ित पक्षकारों को समय पर न्याय नहीं मिल पा रहा है।
इस गंभीर समस्या को लेकर एक पीड़ित पक्षकार ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस श्री प्रशांत कुमार मिश्रा, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस श्री रमेश सिन्हा, सीनियर जस्टिस श्री संजय के अग्रवाल, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री उमाकांत सिंह चंदेल, उपाध्यक्ष श्री शैलेन्द्र कुमार वाजपेयी और सचिव श्री वरुणेन्द्र मिश्रा के समक्ष एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया है।
इस अभ्यावेदन में, उन्होंने माननीय जस्टिस श्री रविन्द्र कुमार अग्रवाल को आवंटित सर्विस मैटर की समीक्षा के बाद न्याय हित में आवश्यक कदम उठाने की मांग की है। पीड़ितों का कहना है कि न्याय में देरी, न्याय से इनकार के बराबर है और इस समस्या का तुरंत समाधान किया जाना चाहिए।
