डीएमएफ के बड़े खेल का अड्डा रहा कटघोरा वन मंडल…..ईडी की जांच से करोड़ो रुपयों के बंदरबांट की कहानी का होगा खुलासा…..डीएफओ की संलिप्तता की चर्चा……

डीएमएफ के बड़े खेल का अड्डा रहा कटघोरा वन मंडल…..ईडी की जांच से करोड़ो रुपयों के बंदरबांट की कहानी का होगा खुलासा…..डीएफओ की संलिप्तता की चर्चा…… डीएमएफ के खेल का बहुत जल्द होगा पर्दाफाश वनमंडल में डीएमएफ सहित करोड़ो के घोटाले का खेल करने वाले डीएफओ की कब होगी गिरफ्तारी पीसीसीएफ राव के नजदीकी डीएफओ […]

डीएमएफ के बड़े खेल का अड्डा रहा कटघोरा वन मंडल…..ईडी की जांच से करोड़ो रुपयों के बंदरबांट की कहानी का होगा खुलासा…..डीएफओ की संलिप्तता की चर्चा……

डीएमएफ के खेल का बहुत जल्द होगा पर्दाफाश

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वनमंडल में डीएमएफ सहित करोड़ो के घोटाले का खेल करने वाले डीएफओ की कब होगी गिरफ्तारी

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पीसीसीएफ राव के नजदीकी डीएफओ की जांच कब करेगी साय सरका

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कोरबा/कटघोरा : कांग्रेस के पांच वर्ष के शासनकाल के दौरान करोड़ो रुपयों का बंदरबांट कटघोरा वनमंडल में किया गया था।इस वनमंडल में सरकार के अधिकारियों और सत्ता के ठेकेदारों की मिलीभगत से कोरबा डीएमएफ के फंड में कई करोड़ के आसपास की कमीशनखोरी हुई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापेमारी में जो सरकारी खजाने से पैसे निकालने व धन का उपयोग में भ्रष्ट्राचार करने से संबंधित मामला जुड़ा है । इस हाईप्रोफाइल कार्रवाई से भ्रष्ट्राचारियों के चेहरे सामने आ रहे है तो वहीं खनिज न्यास की निधि पर डांका डाल अपना- अपना बोरी भरने वालों के हाथ- पांव फूल चुके है। कटघोरा वनमंडल में भी पिछले पंचवर्षीय कांग्रेस शासन के दौरान करोड़ो का घोटाला हुआ है । जिसमे डीएमएफ की राशि भी समाहित है।

इस वनमंडल में तात्कालीन डीएफओ रही श्रीमती शमा फारुखी के ऊपर बहुत से आरोप लगते रहे है।इनके पदस्थापना काल के दौरान तालाब- डबरी, डब्ल्यूबीएम सड़क, चेकडेम, स्टापडेम निर्माण, पौधारोपण सहित अन्य कार्यों के लिए जारी करोड़ो की राशि में जमकर बंदरबांट किया गया और कहीं अधूरे काम कराए गए तो कहीं बिना काम पूरी राशि हजम कर दी गई । यहां तक कि चर्चित पुटुवा स्टापडेम भ्रष्ट्राचार की जानकारी भी विधानसभा सत्र के दौरान सदन में छिपा कर रखा गईं। डीएफओ श्रीमती फारुखी तत्कालीन सरकार में वनमंत्री मोहम्मद अकबर की भतीजी के रूप में जानी जाती थी।इस कारण इस अफसर का अलग ही जलवा था । इस अफसर ने अपने पति की फर्म को ही करोड़ो के काम दे दिए।बिना काम के ही करोड़ो का भुगतान भी किये जाने की चर्चा है।

इन सभी के ऊपर पीसीसीएफ श्रीनिवास राव का हांथ था।यह सभी लोग मोहम्मद अकबर के बहुत नजदीकी लोगो मे शामिल थे।प्रदेश की साय सरकार से सुशासन की अपेक्षा में जनता बैठी हुई है। कब इन बेईमान अफसरों के ऊपर कार्यवाही होगी। सत्ता बदलने के बाद भी श्रीनिवास राव पीसीसीएफ के पद पर बैठकर आज भी अपना खेल कर रहा है। यह सरकार कब जागेगी अमित शाह जी…

इसके तबादले के पश्चात श्रीमती प्रेमलता यादव के कार्यकाल में भी कुछ इसी तरह का रवैया रहा।इन दोनों के समय करोड़ो के काम पेपरों में कर दिए गए। उक्त दोनों डीएफओ के कटघोरा वनमंडल में रहने के दौरान रेंजरों ने भी जमकर मलाई खायी। पाली वनपरिक्षेत्र में संचालित ईएसआईपी योजना के निर्माण कार्यों में भी जमकर बोगस भुगतान हुआ और इस योजना के अन्य कार्यों में भी भ्रष्ट्राचार होता चला आ रहा है।इसी कड़ी में वर्तमान में पदस्थ डीएफओ कुमार निशांत की भी अगर जांच की जाए तो बड़े खेल उजागर होंगे।इस डीएफओ के बिलासपुर कार्यकाल की कहानियां भी बहुत सी है।अपने आपको साफ ईमानदार बताने वाले इस अफसर ने भी करोड़ो की कहानी की हुई है।30% कमीशन के नाम से प्रसिद्ध इस डीएफओ के कार्यकाल की भी जांच होनी चाहिए।बहती धारा में इस डीएफओ ने भी कटघोरा वनमंडल में खूब मलाई खाई है।

सरकारी राशि का वन विभाग में ऊपर से नीचे तक कमीशनखोरी व बंदरबांट होता रहा। यदि कांग्रेस सरकार के दौरान पांच वर्ष में इस वनमंडल में कराए गए कार्यों की जांच को लेकर ईडी की नजरें टेढ़ी हुई तो यकीनन चौकाने वाले भ्रष्ट्राचार का खुलासा होगा।इन सभी डीएफओ की जांच करवाने की आवश्यकता है।साय सरकार को इस भ्रष्टाचारी अफसरों के ऊपर कार्यवाही करने की आवश्यकता है। लेकिन कार्रवाई की शुरुआत कब होगी,

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