डेस्क जॉब करने वालों के लिए परफेक्ट स्ट्रेचिंग रूटीन क्या है? डॉक्टर से जानें

डेस्क जॉब करने वालों के लिए परफेक्ट स्ट्रेचिंग रूटीन क्या है? डॉक्टर से जानें

डेस्क जॉब करने वालों को दिनभर एक ही जगह बैठे रहना पड़ता है. लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठने से उनकी पोश्चर खराब हो जाती है, जिससे रीढ़ की हड्डी पर दबाव, कमरदर्द, गर्दन में जकड़न जैसी समस्याएं हो जाती हैं. जब शरीर को जरूरी मूवमेंट नहीं मिलती, तो मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं और ब्लड सर्कुलेशन पर भी असर पड़ता है. इसके अलावा, लगातार स्क्रीन देखने से आई स्ट्रेन, सिरदर्द और मानसिक थकावट भी महसूस होती है. ऐसे में जरूरी है कि डेस्क जॉब करने वाले लोग हर कुछ घंटों में ब्रेक लें और स्ट्रेचिंग करें ताकि उनका शरीर एक्टिव रहे और गंभीर दिक्कतों से बचा जा सके.

लंबे समय तक बैठे रहने की आदत से शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है. सबसे आम समस्या होती है लोअर बैक पेन और स्लाउचिंग, जिससे कमर झुकने लगती है. इसके अलावा, गर्दन की मांसपेशियां अकड़ जाती हैं, जिससे सर्वाइकल की शिकायत होने लगती है. कई बार लंबे समय तक बैठने से ब्लड क्लॉटिंग और वेट गेन भी हो सकता है. शरीर की मूवमेंट न होने की वजह से मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और व्यक्ति जल्दी थक जाता है. इससे न सिर्फ फिजिकल हेल्थ बल्कि मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ता है. ऐसे में व्यक्ति चिड़चिड़ा हो सकता है या उसे डिप्रेशन जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं. इसलिए डेस्क जॉब करने वालों को अपनी लाइफस्टाइल में एक्टिविटी को शामिल करना बेहद जरूरी है.

डेस्क वर्कर्स के लिए परफेक्ट स्ट्रेचिंग रूटीन
डॉ. बताते हैं कि डेस्क जॉब करने वालों के लिए रोजाना 10-15 मिनट की स्ट्रेचिंग बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है. इसे हर 2-3 घंटे बाद दोहराना बेहतर रहता है, ताकि मसल्स एक्टिव बनी रहें और ब्लड सर्कुलेशन सही चलता रहे.

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नेक रोल्स: गर्दन को धीरे-धीरे पहले दाईं, फिर बाईं ओर गोल घुमाएं. इससे गर्दन की जकड़न और तनाव कम होता है.

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शोल्डर श्रग्स: कंधों को ऊपर-नीचे और आगे-पीछे घुमाने से वहां जमा तनाव दूर होता है और शोल्डर फ्री महसूस होते हैं.

चेस्ट ओपनर: दोनों हाथों को पीठ की ओर ले जाकर आपस में जोड़ें और छाती को बाहर की ओर खोलें. इससे झुककर बैठने की आदत सुधरती है और सांस लेने में आसानी होती है.

सीटेड स्पाइनल ट्विस्ट: कुर्सी पर बैठकर कमर को एक ओर मोड़ें और कुछ सेकंड रुकें. यह पीठ के निचले हिस्से की अकड़न को दूर करता है और रीढ़ की लचीलापन बनाए रखता है.

हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच: एक पैर को कुर्सी पर सीधा फैलाकर पंजा ऊपर करें और उसे हाथ से छूने की कोशिश करें. इससे जांघों और पीठ के निचले हिस्से की स्ट्रेचिंग होती है.

काफ रेज़ेस: खड़े होकर एड़ी उठाएं और पंजों पर आ जाएं, फिर धीरे-धीरे नीचे आएं. इससे पैरों में ब्लड फ्लो बेहतर होता है और थकान कम लगती है.

इन बातों का रखें खास ध्यान

  • हर 30-45 मिनट में 2-3 मिनट खड़े होकर थोड़ा चलें.
  • स्क्रीन की ऊंचाई आंखों के स्तर पर रखें.
  • वॉटर बॉटल पास रखें और दिनभर हाइड्रेट रहें.
  • कुर्सी में कमर के पीछे सपोर्ट जरूर हो.
  • स्ट्रेचिंग के दौरान गहरी सांस लें और जल्दबाज़ी न करें.
  • रात को सोने से पहले भी हल्की स्ट्रेचिंग करें.

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