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सक्ती राजपरिवार को बड़ा झटका, धर्मेंद्र सिंह को अनाचार मामले में सात साल की सजा
राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के दत्तक पुत्र धर्मेंद्र सिंह को सक्ती कोर्ट ने दोषी मानते हुए भेजा जेल, परिवार में छाया सन्नाटा

छत्तीसगढ़ के सक्ती राजपरिवार के प्रमुख धर्मेंद्र सिंह को सक्ती अदालत ने बलात्कार के मामले में दोष सिद्ध पाए जाने पर सात साल की सजा दी है। राजा धर्मेंद्र सिंह को जेल भेज दिया गया है। धर्मेंद्र सिंह जिला पंचायत सदस्य भी हैं।
29 अप्रैल को निधन हुआ राजा सुरेंद्र का
सक्ती राजघराने के प्रमुख रहे राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह का देहावसान बीते 29 अप्रैल को हुआ है। सुरेंद्र बहादुर सिंह एकीकृत मध्यप्रदेश के समय कैबिनेट मंत्री भी थे। राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह की कोई संतान नहीं थी तो उन्होंने धर्मेंद्र को गोद लिया और उन्हें ही अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। सुरेंद्र बहादुर सिंह के निधन के बाद राज परिवार के प्रमुख की जवाबदेही धर्मेंद्र को मिली।
संपत्ति विवाद से जोड़कर देखा गया आरोप
जबकि धर्मेंद्र सिंह पर अनाचार का आरोप लगा तब सुरेंद्र बहादुर सिंह जीवित थे। यह आरोप परिवार के भीतर से ही लगा था। तब इस आरोप को संपत्ति विवाद से जोड़ कर देखा गया। तब खुद सुरेंद्र बहादुर सिंह ने इस आरोप को फर्जी करार दिया और पुलिस पर बगैर जांच एफआईआर किए जाने के आरोप लगाए थे।
सक्ती कोर्ट का फैसला
सक्ती कोर्ट की स्पेशल जज श्रीमती गंगा पटेल (फास्ट ट्रैक कोर्ट) ने मामले के विचारण के बाद धर्मेंद्र सिंह के विरुद्ध आरोप प्रमाणित पाया और उन्हें धारा 376 के मामले में सात वर्ष और धारा 450 में पांच वर्ष की सजा दी है। धर्मेंद्र सिंह के विरुद्ध पांच हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। पंक्तियों के लिखे जाने तक न्यायालय के आदेश की कॉपी उपलब्ध नहीं हुई है, जैसे ही उपलब्ध होगी, द हिट डॉट इन उसे पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करेगा।
शाही ठाट-बाट से सीधे सलाखों के पीछे पहुंचा उत्तराधिकारी
न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद धर्मेंद्र सिंह को जेल में दाखिल कर दिया गया है। सक्ती राजपरिवार, जो अब तक शाही गरिमा और राजनीतिक प्रभाव का प्रतीक माना जाता था, अब अपने उत्तराधिकारी की सजा के बाद गंभीर सवालों के घेरे में है।