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उद्योगपति जैन पर गांव की हवा-पानी बेचने का आरोप ग्रामीणों का फूट रहा गुस्सा
बिलासपुर। बिलासपुर में महावीर कोल वाशरी के मालिक विनोद कुमार जैन और उनके बेटे विक्की जैन पर सकर्रा के ग्रामीणों ने गांव की हवा पानी बेचने और गांव की शुद्ध हवा को प्रदूषित करने का आरोप लगाया है ।
बता दें कि ये वही विक्की जैन है जिनकी पत्नी अभिनेत्री अंकिता लोखंडे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि विनोद जैन अपने फायदे के लिए गांव की जमीन, पानी, हवा और पर्यावरण को खतरे में डाल रहे हैं। और उनकी संपत्ति और बड़े नाम के चलते लोग उन्हें बिलासपुर का अडानी कहने लगे हैं।
जैन परिवार सकर्रा गांव में आईएमईसी स्टील एंड पावर प्लांट लगाने की तैयारी में है। ग्रामीण प्लांट का विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्लांट से ग्राम का विकास कम और प्रदूषण से बीमारी ज्यादा बढ़ेगी।
क्यों भड़के हैं सकर्रा गांव के लोग?
यह मामला अब सिर्फ कारोबार का नहीं रहा, बल्कि धनतंत्र बनाम लोकतंत्र की लड़ाई बन चुका है। ग्रामीणों के मुताबिक, उद्योगपति जैन का यह नया कॉरपोरेट साम्राज्य उनके भविष्य को कुचल देगा। उनके विरोध के पीछे ये गंभीर वजहें हैं: गांव पहले से ही पानी की कमी से जूझ रहा है। नया पावर प्लांट शुरू होते ही जमीन का पानी तेजी से सोख लेगा, जिससे गांव सूख जाएगा। बच्चों को जहां पढ़ने स्कूल जाना चाहिए, वहीं हवा में कोयले की काली धूल फैलेगी। ग्रामीणों का कहना है कि यह बच्चों को मुफ्त में कैंसर और फेफड़ों की बीमारियां देने जैसा है। यह प्लांट कोपरा जलाशय से महज 4 किलोमीटर दूर है। कोपरा को विश्व स्तरीय रामसर साइट बनाने की प्रक्रिया चल रही है। यह जगह हजारों विदेशी प्रवासी पक्षियों का घर है। प्लांट का शोर और जहरीला धुआं इन पक्षियों का सफाया कर देगा।
पुलिस और सरकार पर भी खड़े हुए प्रश्न
ग्रामीणों में इस बात को लेकर गुस्सा चरम पर है कि जब वे शांतिपूर्ण विरोध करते हैं, तो पुलिस तत्काल मौके पर पहुँच जाती है। एक ग्रामीण ने बताया कि ऐसा लगता है कि प्रशासन हमारी नहीं, बल्कि जैन परिवार की सुरक्षा में तैनात है। ग्रामीणों का कहना है कि क्या आम आदमी सिर्फ धूल खाने और जहर पीने के लिए पैदा हुआ है?
करोड़ों का आसामी है जैन परिवार।
अभिनेत्री अंकिता लोखंडे के पति विक्की जैन ने एक टीवी शो में अपनी संपत्ति 54 मिलियन डॉलर (करीब ₹450 करोड़ से ज्यादा) बताई थी अब ग्रामीण कह रहे है कि हमारी मिट्टी से जैन परिवार इतना अमीर बन गया, और अब हमें ही जहर खिलाने पर उतारू है । क्या ग्रामीणों के बच्चों की साँसें जैन परिवार के मुनाफे से सस्ती हैं?
