तेंदूपत्ता घोटाला: ईओडब्ल्यू का बड़ा एक्शन, 7 करोड़ के घोटाले में एक और प्रबंधक गिरफ्तार

मृतकों के नाम पर प्रोत्साहन राशि का गबन, तत्कालीन डीएफओ ने बनाया था सिंडिकेट

 

रायपुर छत्तीसगढ़ में 7 करोड़ रुपये के तेंदूपत्ता घोटाले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बड़ी कार्रवाई की है। सुकमा लघु वनोपज यूनियन समिति सुकमा के प्रबंधक राजशेखर पुराणिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ के बाद आरोपी को जगदलपुर के विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा। यह घोटाला 2021-2022 सीजन के दौरान तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में किया गया था जिसमें मृत और अज्ञात लोगों के नाम पर राशि का गबन किया गया।

डीएफओ अशोक पटेल ने बनाया था सिंडिकेट

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जांच में सामने आया है कि इस घोटाले को अंजाम देने के लिए सुकमा के तत्कालीन वनमंडलाधिकारी (डीएफओ) अशोक कुमार पटेल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एक बड़ा सिंडिकेट बनाया था। इस सिंडिकेट में वन विभाग के अधिकारी विभिन्न प्राथमिक लघुवनोपज समिति के प्रबंधक और पोषक अधिकारी शामिल थे। इस घोटाले की जानकारी मिलने पर ईओडब्ल्यू ने अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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अब तक 11 गिरफ्तारियां

राजशेखर पुराणिक की गिरफ्तारी के साथ इस मामले में गिरफ्तार होने वालों की संख्या 11 हो गई है। इससे पहले तत्कालीन डीएफओ अशोक पटेल डिप्टी रेंजर चैतूराम बघेल देवनाथ भारद्वाज पोड़ियामी इड़िमा (हिडमा) वनरक्षक मनीष कुमार बारसे और प्रबंधक पायम सत्यनारायण उर्फ शत्रु मोहम्मद शरीफ सीएच रमना (चिट्टूरी) सुनील नुप्पो रवि कुमार गुप्ता आयतू कोरसा और मनोज कवासी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

ऐसे हुआ करोड़ों का घोटाला

जांच से पता चला है कि वर्ष 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता संग्रहण के एवज में संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक दिया जाना था। लेकिन तत्कालीन डीएफओ अशोक पटेल ने वनकर्मियों के साथ मिलकर सांठगांठ की और लगभग 7 करोड़ रुपये की राशि को आपस में बांट लिया। दस्तावेजों में इस राशि को संग्राहकों में वितरित दिखाया गया जबकि असल में यह राशि मृतक वनकर्मियों और ऐसे करीबी लोगों को दी गई जिनका तेंदूपत्ता तोड़ाई और संग्रहण कार्य से कोई संबंध नहीं था। शिकायत मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने छापेमारी कर इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया। यह कार्रवाई दर्शाती है कि सरकारी योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए एजेंसियां सक्रिय हैं।

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