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54 लाख का 'राशन घोटाला' उजागर, पूर्व NSUI अध्यक्ष और पार्षद पति समेत 16 को नोटिस , मगर एफआईआर कराने में कांप रहे विभाग के हाथ
बिलासपुर। बिलासपुर में 5 शासकीय उचित मूल्य दुकानों में 54.28 लाख रुपये के चावल, शक्कर और नमक की बड़े पैमाने पर अफरातफरी का मामला सामने आया है। इस गंभीर गड़बड़ी के उजागर होने पर खाद्य विभाग ने पूर्व NSUI जिलाध्यक्ष अमितेश राय, पार्षद पति जुगल किशोर गोयल सहित 16 लोगों को नोटिस जारी किया है। ये सभी राशन दुकानों का संचालन करने वाली समितियों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, प्रबंधक या विक्रेता के पदों पर हैं। खाद्य नियंत्रक ने साफ चेतावनी दी है कि यदि खाद्यान्न नहीं लौटाया गया तो उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई जाएगी, जिससे राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल, आरोप है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राशन दुकानों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई। इसमें कांग्रेस नेताओं और उनके रिश्तेदारों ने उचित मूल्य की दुकानों में राशन की गड़बड़ी की है। जांच में खाद्यान्न कम मिलने के बाद इन दुकानों का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया है। अब उनके खिलाफ रिकवरी की भी तैयारी चल रही है।
उचित मूल्य की दुकान चलाने वालों ने की हितग्राहियों के खाद्यान्न में हेराफेरी।
कांग्रेस नेता के राशन दुकान में कम मिला खाद्यान्न
कांग्रेस सरकार में अरपा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रहे अभय नारायण राय के बेटे अमितेश राय द्वारा वार्ड 42 में खैर माता खाद्य सुरक्षा पोषण सहकारी समिति का संचालन किया जा रहा था। 23 सितंबर 2024 को जांच में इस दुकान में 295.49 क्विंटल चावल, 2.60 क्विंटल शक्कर, 3.35 क्विंटल नमक कम मिला।
दुकान को सस्पेंड कर दूसरे दुकान में अटैच करने पर 285.48 क्विंटल चावल कम मिला। सत्यापन में भी उतना ही चावल कम मिला। इसकी कीमत 11 लाख 98 हजार 20 रुपए है। 7 मई को दुकान के विक्रेता और अध्यक्ष अमितेश के साथ ही सचिव रामकुमार कश्यप को नोटिस दिया गया। वहीं FIR दर्ज करने की चेतावनी भी दी गई। जिसके बाद 23 मई को फिर से नोटिस भेजा गया है।
कांग्रेस नेता और पार्षद पति सहित कई ने की गड़बड़ी
इसी तरह वार्ड 38 टिकरापारा में संचालित जय मातादी प्राथमिक उपभोक्ता भंडार में 9 मार्च 2022 में जांच में खाद्यान्न की कमी पाई गई। भौतिक सत्यापन करने पर 191.40 क्विंटल चावल और 0.62 क्विंटल शक्कर कम मिला। इसकी कीमत 8 लाख 5 हजार 939 रुपए है।
7 मई को दुकान की संचालन समिति के अध्यक्ष शरद केशरी, प्रबंधक जुगल किशोर गोयल और विक्रेता मुकुल चौहान को नोटिस दिया गया। उन्हें गबन किए गए खाद्यान्न की पूर्ति करने कहा गया। नेहरू नगर में संचालित मां अन्नपूर्णा शासकीय उचित मूल्य दुकान के अध्यक्ष गीतांजली यादव, सचिव कमल रजक और विक्रेता रविंद्र यादव को नोटिस दिया गया।
जांच में इस दुकान में 182.32 क्विंटल चावल, 1.18 क्विंटल नमक कम मिला। इसकी कीमत 7 लाख 66 हजार 288 रुपए है।
वार्ड 39 की दुकान में 13 लाख से ज्यादा का खाद्यान्न गायब
ऐसे ही वार्ड 39 में संचालित हो रहे मां भवानी राशन दुकान में 306.68 क्विंटल चावल, 4.59 क्विंटल शक्कर, 1.69 क्विंटल नमक कम मिला। इसकी कीमत 13 लाख 8 हजार 863 रुपए है। इसी तरह वार्ड 47 के महिला शक्ति राशन दुकान में 118.70 क्विंटल चावल, 3.23 क्विंटल शक्कर कम मिला। इसकी कीमत 5 लाख 12 हजार 331 रुपए है।
अध्यक्ष पूनम गुप्ता, सचिव दुर्गा धुरी और विक्रेता राजीव गुप्ता को नोटिस दिया गया। जोग माया खाद्य समिति के द्वारा वार्ड 48 में संचालित राशन दुकान में 8 लाख 37 हजार 624 रुपए का चावल, शक्कर और नमक कम मिलने पर अध्यक्ष जोगमाया, उपाध्यक्ष कृष्णा भट्टाचार्य, विक्रेता शंख भट्टाचार्य को नोटिस जारी किया गया है।
इस मामले में कई दिन बीत जाने के बावजूद भी अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे सवाल उठने लगे हैं कि आखिर माजरा क्या है? बताया जा रहा है कि शहर के एक वरिष्ठ भाजपा नेता कांग्रेस नेताओं को 'अभयदान' दे रहे हैं, शायद यही कारण है कि प्रशासन मौजूदा भाजपा राज में इन कांग्रेस नेताओं पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। जनता बस यही सोच रही है कि गरीबों के हक का खाद्यान्न डकारने वालों पर कार्रवाई कब होगी, या फिर यह मामला भी कहीं 'ठंडे बस्ते' में तो नहीं चला जाएगा? 'सबका साथ, सबका विकास' के नारे के बीच यह 'खाद्यान्न घोटाला' देखना दिलचस्प होगा।
