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रायपुर में जमीन का खेल: आईएएस बहू की सास की जमीन पर फर्जीवाड़ा, 5 मंजिला कॉम्प्लेक्स सवालों के घेरे में
रायपुर. राजधानी में जमीन के खेल में राजस्व अफसरों की कलाबाजियां अब खुलकर सामने आ रही हैं। बेनामी और बेस कीमती जमीनों को रिकॉर्ड में लाने के लिए खसरा नंबरों से ऐसा बड़ा खेल किया जा रहा है, जिसे देखकर आप भी दंग रह जाएंगे। ऐसा ही एक चौंकाने वाला मामला समता कॉलोनी में सामने आया है, जहां रजिस्ट्री पेपर में दर्ज खसरा नंबर 905 और 906 के हिस्से वाली जमीन को फर्जी तरीके से खसरा नंबर 510/2 में बिठा दिया गया। और इस पूरे खेल के पीछे हाथ किसी और का नहीं, बल्कि प्रमोटी आईएएस प्रियंका महोबिया की सास शांति देवी महोबिया पंसारी का बताया जा रहा है।
पटवारी तहसीलदार की मिलीभगत से कब्जा और खेल
सूत्रों की मानें तो यह पूरा खेल पटवारी और तहसीलदार की मिलीभगत से किया गया है। फर्जी तरीके से खसरा बिठाकर, उस जमीन को सड़क किनारे की बताकर कब्जा भी दिलवा दिया गया। हद तो तब हो गई जब नगर निगम ने बिना किसी जांच पड़ताल के इस जमीन पर पांच मंजिला व्यावसायिक परिसर का नक्शा भी पास कर दिया। अब यह आलीशान कॉम्प्लेक्स तेजी से बन रहा है, लेकिन इसकी बुनियाद ही फर्जीवाड़े पर टिकी है।
साहू की जमीन, पंसारी की रजिस्ट्री, 908 का नक्शा... सब गोलमाल!
यह हाईप्रोफाइल मामला है, क्योंकि जिस जमीन पर निर्माण चल रहा है, वह किसी साहू की बताई जा रही है। जमीन का सीमांकन कराने के बाद राजस्व रिकॉर्ड में भी यह साफ दिख रहा है। लेकिन, शांता महोबिया पंसारी के नाम से जो रजिस्ट्री जमीन में खसरा लिखा है, वह कुछ और है। यानी, जहां खसरा बिठाया गया है, वह दूसरे की जमीन पर है।
नक्शा पास कराने के समय जो खसरा बताया गया है, वह खसरा नंबर 908 है! यानी, रजिस्ट्री से अलग खसरा नंबर नक्शा में दिया गया है, जिस पर निगम के अफसरों ने काला चश्मा लगाकर कोई ध्यान नहीं दिया। दरअसल, मामला हाईप्रोफाइल होने पर अफसरों पर ऐसा प्रभाव पड़ता है कि वे आंखें मूंदकर बड़ी गलतियां कर जाते हैं। इस मामले में भी यही हुआ है। अब इस पूरे प्रकरण की परतें खुलने पर कई बड़े नामों के सामने आने की आशंका है।
