भूपेश बघेल के करीबी तांत्रिक केके श्रीवास्तव को जेल , श्रीवास्तव के पुत्र सहित कांग्रेस नेता हिरासत में

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी और चर्चित तांत्रिक केके श्रीवास्तव को सोमवार को बड़ा झटका लगा। करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के आरोपों में घिरे श्रीवास्तव की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने दोबारा रिमांड नहीं मांगी उनका कहना है कि पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं।

वही इस मामले में पुलिस ने केके श्रीवास्तव के बेटे कंचन श्रीवास्तव और युवा कांग्रेसी नेता आशीष शिंदे को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। जिन्हें आज न्यायालय में पेश किया जा सकता है। 

जांच में सामने आया है कि केके श्रीवास्तव ने म्यूल खातों के जरिए देशभर से करोड़ों रुपये की ठगी की है। उसने पुलिस को बताया कि वह नकदी में कई बड़े नेताओं को पैसे पहुंचाता था हालांकि पुलिस को इसके दस्तावेजी प्रमाण नहीं मिले हैं। पूछताछ के दौरान उसने बार बार पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। करोड़ों की यह ठगी उसने स्टील इंडस्ट्री और अन्य व्यवसायों में लगाई है। उसके बैंक खातों में अब तक 300 करोड़ रुपये का लेनदेन सामने आया है। ये खाते आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के नाम पर खोले गए थे जिनकी जांच अब आयकर विभाग कर रहा है। इस ठगी में उसका बेटा कंचन श्रीवास्तव भी शामिल बताया जा रहा है। केके ने बड़े नेताओं के लिए तांत्रिक पूजा भी करवाई थी।

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कांग्रेस सरकार में था जबरदस्त दबदबा सीएम हाउस तक पहुंच

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में केके श्रीवास्तव का खासा दबदबा था। उसे मुख्यमंत्री आवास तक बेरोकटोक पहुंच मिली हुई थी। जानकारी के मुताबिक उसने दिल्ली के कारोबारी अशोक रावत से एनआरडीए और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में 500 करोड़ का काम दिलाने का झांसा देकर 15 करोड़ रुपये ठग लिए थे। जब कारोबारी ने पैसे वापस मांगे तो केके ने 3.40 करोड़ लौटा दिए और तीन तीन करोड़ के तीन चेक दिए लेकिन बाद में उन्हें स्टॉप पेमेंट में डाल दिया।

देशभर और नेपाल में रहा फरार महंगे आईफोन तोड़े

जांच एजेंसियां लगभग एक साल से आरोपी की तलाश कर रही थीं। उसे भोपाल के एक होटल से गिरफ्तार किया गया। फरारी के दौरान वह देश के कई राज्यों और नेपाल में छिपा रहा। पुलिस की लोकेशन ट्रैकिंग से बचने के लिए उसने 10 लाख रुपये से अधिक के आईफोन तोड़ डाले थे।

सात दिन में 20 करोड़ का ट्रांसफर

पुलिस को मिले दस्तावेजों के अनुसार एनएस इंटरप्राइजेस आरएच इंटरनेशनल सुहाना इंटरप्राइजेस अरोजेट इंटरप्राइजेस और डीपी ओसिएन इंटरप्राइजेस के खातों में भारी मात्रा में पैसा भेजा गया था। सिर्फ 10 और 17 जुलाई 2023 को ही 20 करोड़ से ज्यादा की ट्रांजैक्शन की पुष्टि हुई है।

एमपी शासनकाल में भी विवादों में रहा केके 1995 में निलंबित

तांत्रिक ठग केके श्रीवास्तव का विवादों से पुराना नाता है। मध्यप्रदेश शासन काल में वह चिरमिरी में रहते थे और 1992 में साडा रतनपुर में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर तैनात थे। मार्च 1995 में तत्कालीन कलेक्टर के निर्देश पर उनके खिलाफ विभागीय अनियमितताओं की जांच हुई जिसमें अनियमितता की पुष्टि होने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया था।

जमीन दलाली के बाद ट्रांसपोर्ट का काम

निलंबित होने के बाद केके श्रीवास्तव ने जमीन दलाली का काम शुरू किया। इस दौरान उसकी दोस्ती कोयला घोटाले के आरोपी सूर्यकांत तिवारी से हुई। तिवारी का ट्रांसपोर्ट का काम था और केके ने भी ट्रांसपोर्ट का काम शुरू किया। बाल्को से निकलने वाले राखड़ को ट्रांसपोर्ट करने का ठेका लेकर उसने करोड़ों कमाए। इसके बाद वह हवाला के काम में जुड़ गया और दिल्ली से ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम करने लगा। उसने राजनीति से जुड़े लोगों के पैसे ठिकाने लगाने का काम भी लिया।

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