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भारतमाला मुआवजा घोटाला: जांच की समय अवधि खत्म, एक भी टीम ने नहीं सौंपी रिपोर्ट, कमिश्नर ने कहा- अफसरों को भेजेंगे नोटिस
भारतमाला मुआवजा घोटाला: जांच की समय अवधि खत्म, एक भी टीम ने नहीं सौंपी रिपोर्ट, कमिश्नर ने कहा- अफसरों को भेजेंगे नोटिस
भारतमाला परियोजना में मुआवजा घोटाले की जांच के लिए बनाई गई चार टीमों में से किसी ने भी रिपोर्ट समय पर नहीं सौंपी। कमिश्नर ने लापरवाही पर सख्ती दिखाते हुए जांच अधिकारियों को नोटिस देने की तैयारी की है।
रायपुर। भारतमाला परियोजना के तहत मुआवजे में किए गए फर्जीवाड़े की जांच अब तक अधूरी है। संभागायुक्त द्वारा गठित चार जांच टीमों को एक माह में रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन डेढ़ महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद किसी भी टीम ने अब तक रिपोर्ट नहीं दी है। इस लापरवाही से नाराज़ संभागायुक्त ने अब जांच अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की तैयारी कर ली है। अधिकारियों से पूछा जाएगा कि तय समयसीमा में रिपोर्ट क्यों नहीं दी गई। यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
मुआवजे में धांधली की शिकायतों और दावा-आपत्तियों की जांच के लिए अपर कलेक्टर ज्योति सिंह, उमाशंकर बंदे, निधि साहू और इंदिरा देवहारी की अध्यक्षता में चार जांच टीमें गठित की गई थीं। इन टीमों में डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं। इन टीमों को भारतमाला प्रोजेक्ट के दौरान काम कर रहे एसडीएम, तहसीलदार, आरआई और पटवारियों की सूची बनाकर, उनके कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी थी। लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
सूत्रों की मानें तो जिन अधिकारियों के नाम इस घोटाले में सामने आ रहे हैं, उन्होंने जांच को प्रभावित करने के लिए रसूखदारों से सिफारिशें लगवाना शुरू कर दिया है। इसी दबाव के चलते रिपोर्ट तैयार करने का काम जानबूझकर टाल दिया गया है, ताकि पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला जाए। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई केवल जांच रिपोर्ट के आधार पर ही की जाएगी। ऐसे में यदि रिपोर्ट नहीं बनती है, तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई भी नहीं हो पाएगी।
