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छत्तीसगढ़ में 'भ्रष्टाचार का पकवान', नेताजी! आप बस चुप रहिए, थाली सज रही है!
रायपुर। छत्तीसगढ़ की सियासी गलियों में इन दिनों एक नया व्यंजन पक रहा है, जिसकी खुशबू दूर-दूर तक फैल रही है। सुना है, प्रदेश के कुछ कर्मठी अधिकारियों ने अपनी जेब गर्म करने के बाद अब 'राजनीति की थाली' सजाने का बीड़ा उठाया है। जी हां, ये वही अधिकारी हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के अनगिनत इल्जाम हैं, लेकिन फिर भी कुर्सी पर जमे हुए हैं, मानो उन्हें अमरता का वरदान मिल गया हो। अब इन्होंने बीजेपी के कुछ मौन साधक' नेताओं को साधने का नया नुस्खा निकाला है।
सूत्रों से जो आजकल हर जगह पाए जाते हैं, खासकर भ्रष्टाचार की गंध सूंघने में उनसे खबर मिली है कि इन अधिकारियों ने बीजेपी के बड़े नेताओं तक अपनी प्यार भरी पेशकश पहुंचाई है। ऑफर कुछ ऐसा है नेताजी, आप बस चुप रहिए, मुंह मत खोलिए। हमारी गतिविधियों पर पर्दा डाले रखिए, बदले में आपकी भरपूर सेवा-सत्कार होगा। जो भी चाहिए, हाजिर है। आपका राजनीतिक बैंक बैलेंस भी चमकेगा और समाज में 'मान-सम्मान' भी बढ़ेगा।
अब आप सोच रहे होंगे कि अगर नेताजी ने मना कर दिया तो? तो इसके लिए भी इन दूरदर्शी' अधिकारियों ने प्लान-बी तैयार रखा है। ऑफर के साथ एक 'प्यारी सी धमकी भी है अगर सेवा-सत्कार स्वीकार नहीं किया, तो अंजाम भुगतने को तैयार रहिए। आपकी कुर्सी हिल सकती है, पद से हटवाया भी जा सकता है! मतलब, यहां तो नेकी भी जबरदस्ती करवाई जा रही है!
लगता है इन अधिकारियों ने अपने अनुभवों से सीख ली है कि सत्ता बदलती रहती है, लेकिन भ्रष्टाचार का 'अमर तत्व' हमेशा बना रहता है। इसीलिए, नई सत्ता के आते ही पुराने दागियों को साफ करने की बजाय, उन्हें खरीदने की तैयारी चल रही है। अब देखना यह है कि हमारे आदर्शवादी नेताजी इस पकवान का स्वाद चखते हैं या फिर ईमानदारी की 'कड़वी गोली' को तरजीह देते हैं। कहीं ऐसा न हो कि 'सेवा-सत्कार' के चक्कर में, जनता की सेवा ही किनारे रह जाए और छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार का ये अद्भुत नाटक यूं ही चलता रहे। तालियां बजती रहें और घोटाले की आरती गाई जाती रहे!
