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बिलासपुर में अब पुलिस अफसर से ठगी! फर्जी ASP बनकर किया कॉल, फिर QR कोड के जरिए ऐंठे 35 हज़ार…
बिलासपुर में अब पुलिस अफसर से ठगी! फर्जी ASP बनकर किया कॉल, फिर QR कोड के जरिए ऐंठे 35 हज़ार…
न्यायधानी बिलासपुर में ठग ने पुलिस अफसर को निशाना बनाया है. आरोपी ने खुद को एडिशनल एसपी बताकर जीआरपी में पदस्थ एएसआई से 35 हजार रुपए ठग लिए.
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां खुद कानून के रक्षक ही ठगों के जाल में फंस गए। इस बार ठगों ने पुलिस विभाग में पदस्थ एक एएसआई (सहायक उप निरीक्षक) को अपना निशाना बनाया है। आरोपी ने खुद को रायपुर का एडिशनल एसपी बताकर फोन किया और विश्वास में लेकर QR कोड भेजकर 35 हजार रुपये की ठगी कर ली।
दरअसल, न्यायधानी बिलासपुर में ठग ने पुलिस अफसर को निशाना बनाया है. आरोपी ने खुद को एडिशनल एसपी बताकर जीआरपी में पदस्थ एएसआई से 35 हजार रुपए ठग लिए. चोरी का सोना खरीदने के लिए नाटक करने की बात कही और फिर क्यूआर कोड भेजकर पैसे ट्रांसफर कराया. मामले में तोरवा थाना में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है.
जानकारी के मुताबिक, जीआरपी में पदस्थ विश्वनाथ चक्रवर्ती पर अनजान नंबर से कॉल आया. आरोपी ने खुद को कॉल पर रायपुर का एडिशनल एसपी बताया. उसने बताया कि रायपुर में सोना चोर आरोपी पकड़ा गया है, जो बिलासपुर में चोरी का सोना बेचने आ रहा है। आरोपी ने एएसआई से कहा कि वे सोना खरीदने का नाटक करें ताकि अपराधी को रंगे हाथों पकड़ा जा सके।
आरोपी ने एएसपी विश्वनाथ को दूसरे नंबर से एक लिंक और क्यूआर कोड भेज दिया. जिसमें एएसआई ने 35 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए. लेकिन कुछ देर बाद जब दोबारा उन नंबरों पर एएसआई ने कॉल किया तो वह बंद मिला। तब जाकर ठगी का एहसास हुआ. एसीआई ने तोरवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने अज्ञात ठग के खिलाफ धोखाधड़ी केस दर्ज कर जांच में जुट गई है.
अधेड़ से 4.5 लाख की ठगी
सकरी थाना क्षेत्र से भी ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है. ठगों ने अधेड़ को पुलिसिया कार्रवाई का डर दिखाकर घटना को अंजाम दिया. पीड़ित से साढ़े चार लाख रुपए की ठगी की गई. मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने 2.5 लाख रुपए होल्ड करवाए हैं. मामले में आगे की जांच जारी है.
