रिश्वतखोरी के आरोप में DEO को DPI का नोटिस, विधवा शिक्षिका से मांगी थी 1.24 लाख की रिश्वत

बिलासपुर। रिश्वतखोरी के गंभीर आरोपों के बाद लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने बिलासपुर के नए जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) विजय तांडे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन पर आरोप है कि जब वह कोटा के खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) थे, तब उन्होंने एक विधवा शिक्षिका नीलम भारद्वाज से 1.24 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। DPI ने तांडे को इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए 7 दिन का समय दिया है।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला तब का है जब विजय तांडे कोटा में BEO के पद पर थे। कोटा के ओछिनपारा में पदस्थ शिक्षिका नीलम भारद्वाज ने तत्कालीन कलेक्टर अवनीश शरण से जनदर्शन में शिकायत की थी। शिक्षिका का आरोप था कि तांडे और उनके लिपिक एकादशी पोर्ते ने उनका करीब डेढ़ माह का वेतन रोक रखा था। जांच में यह बात सामने आई कि भुगतान की राशि शिक्षिका के खाते में जमा करने के बजाय, विजय तांडे ने अपने खाते में जमा करवा ली थी। दिसंबर से निकला हुआ पैसा मार्च तक उनके खाते में ही रहा।

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कलेक्टर के आदेश पर गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने 21 मार्च को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें विजय तांडे और लिपिक एकादशी पोर्ते को दोषी पाया गया था।

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DPI ने नोटिस में क्या कहा?

जांच रिपोर्ट के आधार पर DPI ऋतुराज रघुवंशी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। DPI द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि विजय तांडे का यह कृत्य मनमानापन, वित्तीय अनियमितता और गंभीर अनुशासनहीनता को दर्शाता है, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन है। नोटिस में तांडे को चेतावनी दी गई है कि यदि वे 7 दिन के भीतर दस्तावेजी साक्ष्य के साथ अपना पक्ष नहीं रखते हैं, तो उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की

जाएगी।

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