बीजापुर में CRPF जवान ने खुद को मारी गोली: छुट्टी से लौटने के 24 घंटे के भीतर की आत्महत्या, मौके पर मौत

बीजापुर में CRPF जवान ने खुद को मारी गोली: छुट्टी से लौटने के 24 घंटे के भीतर की आत्महत्या, मौके पर मौत

बीजापुर: नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले से एक बार फिर दर्दनाक खबर सामने आई है। CRPF की 22वीं बटालियन में तैनात जवान पप्पू यादव ने खुद को अपनी सर्विस राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। जवान मात्र एक दिन पहले ही बिहार से छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटा था। घटना बीजापुर के नैमेड़ थाना क्षेत्र स्थित मिनगाचल कैंप की है, जहां जवान ने बैरक में आज सुबह अपनी इंसास राइफल से गले पर गोली चला दी। गोली सिर को चीरते हुए बाहर निकल गई, और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। SP जितेंद्र यादव ने घटना की पुष्टि की है।

SP ने बताया कि जवान ने लाइसेंसी इंसास राइफल से खुद को गोली मारी है। सूचना पर नैमेड़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जरूरी कानूनी कार्रवाई कर रही है। आत्महत्या की वजह का अभी पता नहीं चला है। मृत जवान पप्पू यादव बिहार के चाल पोखरी थाना क्षेत्र के ठाकुरी गांव का रहने वाला था।

यह पहली घटना नहीं है। बीते कुछ समय में बस्तर संभाग में जवानों की आत्महत्याएं तेजी से बढ़ी हैं। 13 दिन पहले जगदलपुर के परपा क्षेत्र में तैनात एक आरक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। वह भी हाल ही में तबादले से परेशान था। जवानों द्वारा आत्महत्या करने के पीछे मानसिक तनाव, पारिवारिक कलह, छुट्टी न मिलना, और वरिष्ठ अधिकारियों से संवादहीनता जैसे कारण सामने आते रहे हैं।

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विशेषज्ञों और पूर्व सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि लंबे समय तक दूरदराज और तनावपूर्ण इलाकों में तैनाती, सीमित छुट्टियाँ, और मन की बात न कह पाने का अवसर जवानों को गहरे तनाव की ओर धकेलते हैं। फोर्स में मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात करने की परंपरा का अभाव भी इन घटनाओं को बढ़ावा देता है।

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बीजापुर की यह घटना न केवल एक जवान की मौत है, बल्कि यह देश के उन हजारों जवानों की स्थिति को उजागर करती है जो शत्रु से पहले मानसिक दबाव से जूझ रहे हैं। अब समय आ गया है कि सुरक्षा बलों में मानसिक स्वास्थ्य, काउंसलिंग और संवाद के लिए ठोस व्यवस्था की जाए, ताकि ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।

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