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छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला: स्टील माफियाओं पर ACB-EOW का शिकंजा, पूर्व मंत्री से साठगांठ के मिले अहम सुराग!
रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए सैकड़ों करोड़ रुपये के शराब घोटाले ने एक बार फिर प्रदेश की राजनीति और व्यापार जगत को हिला कर रख दिया है। इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच में जुटी एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और इकनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की टीमों ने सोमवार तड़के शराब तस्करी और स्टील कारोबारी अशोक अग्रवाल और विनय अग्रवाल पर शिकंजा कसते हुए ताबड़तोड़ छापेमारी की।
सूत्रों के अनुसार, सुबह 4 बजे चार गाड़ियों में सवार होकर जांच टीमें भिलाई पहुंचीं। ACB की एक टीम ने हाउसिंग बोर्ड स्थित आम्रपाली अपार्टमेंट में अशोक अग्रवाल के घर पर दस्तक दी, जबकि दूसरी टीम ने खुर्सीपार स्थित विनय अग्रवाल सहित तीन ठिकानों पर दबिश दी। खास बात ये कि विनय अग्रवाल का घर भी उसी आम्रपाली अपार्टमेंट में निर्माणाधीन है।
ड्रामा यहीं नहीं रुका। जैसे ही दस्तावेजों की जांच शुरू हुई, एक टीम ने अशोक अग्रवाल को उनकी गाड़ी में बैठाकर रवाना कर दिया। सूत्र बताते हैं कि टीम उन्हें लेकर उनकी फैक्ट्री भी पहुंची है, जहां गड़बड़ी से जुड़े कागजातों की बारीकी से पड़ताल की जा रही है।
बात करें कारोबार की तो दोनों आरोपी स्टील उद्योग में सक्रिय हैं। इनकी फैक्ट्री छावनी चौक, भिलाई के पास फैब्रिकेशन और अन्य निर्माण कार्यों से जुड़ी है। लेकिन इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाला मोड़ तब आया, जब यह खुलासा हुआ कि अशोक अग्रवाल पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बेहद करीबी हैं।
सूत्रों का दावा है कि लखमा और अग्रवाल की जोड़ी ने मिलकर इस शराब घोटाले की स्क्रिप्ट तैयार की और पूरे नेटवर्क को सरकारी संरक्षण में अंजाम तक पहुंचाया।
अब जांच एजेंसियों की नजरें न सिर्फ दस्तावेजों पर हैं, बल्कि राजनीतिक सांठगांठ की कड़ियों को भी जोड़ने की कोशिश जारी है। आने वाले दिनों में इस घोटाले में और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
