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छत्तीसगढ़ अब अपराधगढ़: हर दिन औसतन 2 से ज्यादा हत्याएं, 7 से अधिक रेप और 20 से अधिक चोरियां, पुलिस की कार्यवाही और गिरफ्तारी दर चिंताजनक
छत्तीसगढ़ अब अपराधगढ़: हर दिन औसतन 2 से ज्यादा हत्याएं, 7 से अधिक रेप और 20 से अधिक चोरियां, पुलिस की कार्यवाही और गिरफ्तारी दर चिंताजनक
छत्तीसगढ़ में अपराध की स्थिति भयावह होती जा रही है। हर दिन औसतन 2 हत्याएं, 7 से अधिक बलात्कार और 20+ चोरियां हो रही हैं। पुलिस की गिरफ्तारी दर चिंताजनक रूप से कम है, जिससे कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अपराध की तस्वीर दिन-ब-दिन भयावह होती जा रही है। विधानसभा सत्र में पूछे गए प्रश्न के जवाब से जो आंकड़े सामने आए हैं, वे न सिर्फ चौंकाने वाले हैं, बल्कि गहरी चिंता भी पैदा करते हैं। बीते ढाई वर्षों में राज्य में प्रतिदिन औसतन 2 से अधिक हत्याएं, 7 से ज्यादा बलात्कार, 20 से अधिक चोरियां और एक से अधिक लूट की घटनाएं दर्ज की गई हैं। हैरानी की बात यह है कि इन संगीन अपराधों पर लगाम लगाने में पुलिस व्यवस्था बुरी तरह नाकाम साबित हो रही है, आधे से ज्यादा मामलों में अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी भी नहीं हो सकी है।
विधायक देवेंद्र यादव ने गृहमंत्री विजय शर्मा से प्रदेश में जनवरी 2023 से 15 जून 2025 के बीच हुई चोरी, लूट, हत्या, बलात्कार और गोलीबारी की घटनाओं तथा आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर जानकारी मांगी थी। हालांकि इस तय अवधि में एक वर्ष कांग्रेस की सरकार रही, जबकि शेष डेढ़ वर्ष भाजपा सत्ता में रही है। सरकार चाहे जो भी रही हो, अपराध के आंकड़े भयावह स्थिति को दर्शाते हैं। वहीं आरोपियों की गिरफ्तारी से जुड़ी जानकारी चौंकाने वाली है। अपराधियों को पकड़ने के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस कमजोर साबित हो रही है।
विधायक देवेंद्र यादव के अलावा नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने भी अपराध से जुड़े आंकड़ों को लेकर विधानसभा में सवाल किया था। जवाब मिलने के बाद कांग्रेस ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। विधायक देवेंद्र यादव ने यह आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार के दौरान अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है और वे खुलेआम सक्रिय हैं। इसी वजह से उनकी गिरफ्तारी की संख्या बेहद कम है।
पिछले डेढ़ साल की सरकार में भीड़ के द्वारा हिंसा किए जाने के भी मामले सामने आए हैं। जिसमें जून 2024 में बलौदा बाजार में कलेक्ट्रेट जलाए जाने की घटना, सितंबर 2024 में कबीरधाम की घटना और अक्टूबर 2024 में बलरामपुर तथा सूरजपुर की घटना शामिल है। आईए जानते हैं अपराधों के भयावाह आंकड़े:–पिछले ढाई सालों में 902 दिनों में प्रदेश के 33 जिलों में 2478 मर्डर,1009 लूटमार और 7152 रेप हुए हैं। आंकड़ों का विश्लेषण किया जाए तो , हर दिन का रेशियों दो से ज्यादा मर्डर, सात से ज्यादा रेप,एक से ज्यादा लूट,बीस चोरियां हुई हैं। 
अपहरण के भी ढाई सालों में 7826 मामले सामने आए हैं। अपहरण का विश्लेषण करें तो 8 से ज्यादा अपहरण प्रतिदिन हुए हैं। वहीं गिरफ्तारी के मामले में पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है। राजधानी रायपुर में जनवरी 2023 से 15 जून 2025 तक 3776 चोरी, 195 लूटमार, 181 हत्या, 580 बलात्कार,8 गोलीबारियां हुई हैं। इन अपराधों में 4740 एफआईआर दर्ज किए गए हैं। जिसमें मात्र 1542 प्रकरणों में आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। दर्ज प्रकरणों में गिरफ्तारी आधे अपराधियों की भी नहीं हुई। केवल एक तिहाई आरोपी ही रायपुर पुलिस गिरफ्तार कर पाई है।
राज्य के दूसरे महत्वपूर्ण जिले न्यायधानी बिलासपुर में जनवरी 2023 से 15 जून 2025 तक 2166 चोरी, 119 लूटमार, 136 हत्या, 611 बलात्कार और तीन गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं। जिसमें 3035 एफआईआर दर्ज़ की गई है। गिरफ्तारियां लगभग आधे आरोपियों की हुई है। कुल 1458 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। दुर्ग जिले में 2028 चोरी, 123 लूटमार, 121 हत्या, 369 बलात्कार तीन गोलीबारी की घटनाएं उक्त समयावधि में हुई है। जिस पर 2644 एफआईआर दर्ज किए गए है। जिस पर आधे भी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो पाए हैं। 1077 प्रकरण के आरोपियों की गिरफ्तारी हो पाई है।
बस्तर संभाग मुख्यालय के जिले जगदलपुर में 257 चोरियां, 28 लूटमार, 53 हत्या, 237 बलात्कार और एक गोलीबारी हुई है। पिछले ढाई सालों में 576 एफआईआर दर्ज किए गए हैं। हालांकि अन्य जिलों से इतर जगदलपुर पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी में उल्लेखनीय काम किया है। कुल 576 में 448 प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारियां की गई है। सरगुजा संभाग मुख्यालय सरगुजा जिले में 917 चोरियां, 38 लूटमार, 143 हत्या, 371 बलात्कार हुए हैं। गोलीबारी का कोई प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। जिसमें 1469 प्रकरण दर्ज किए गए और लगभग आधे 759 प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी की गई हैं।
इंडस्ट्रियल जिला रायगढ़ में 1117 चोरियां 53 लूटमार,153 हत्या, 336 बलात्कार हुए हैं। रायगढ़ जिले में एक भी गोलीबारी इस समय अवधि में नहीं हुई है। 1659 प्रकरण दर्ज किए गए हैं जिसमें 823 प्रकरणों में आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। ऊर्जा नगरी माने जाने वाले कोरबा जिले मे 1044 चोरी, 55 लूटमार, 112 हत्या, 376 बलात्कार और चार गोलीबारी हुई है। जिसमें 1591 अपराध दर्ज किए गए है और लगभग आधे प्रकरणों में (767 प्रकरण) में आरोपियों की गिरफ्तारी हो पाई है।
छत्तीसगढ़ में अपराध की मौजूदा स्थिति सिर्फ कानून-व्यवस्था की विफलता नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन की संवेदनहीनता का भी प्रतीक बन चुकी है। जब हर दिन हत्या, बलात्कार, लूट और चोरी जैसी घटनाएं आम होती जा रही हों और उनमें भी आधे से अधिक मामलों में अपराधी गिरफ्त से बाहर हों, तो यह सवाल खड़ा होता है कि आम जनता की सुरक्षा की गारंटी आखिर कौन देगा? सरकार बदलती रही, लेकिन हालात नहीं बदले। यह स्थिति न केवल भय पैदा करती है, बल्कि जनविश्वास को भी गहरी चोट पहुंचाती है। अब जरूरत है पारदर्शी, प्रभावी और जवाबदेह कानून व्यवस्था की, जो न केवल अपराधों को रोके, बल्कि पीड़ितों को समय पर न्याय भी दिला सके।
