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3200 करोड़ का शराब घोटाला, छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में बड़ा एक्शन: 22 आबकारी अफसर निलंबित
ईडी और ईओडब्ल्यू की जांच में खुलासे: सिंडिकेट ने सरकारी खजाने को लगाई करोड़ों की चपत
बिलासपुर छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में आबकारी विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। घोटाले में आरोपी बनाए गए 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इन सभी पर शराब घोटाले के सिंडिकेट में शामिल होने का गंभीर आरोप है। पिछले दिनों आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने रायपुर की विशेष अदालत में इन आबकारी अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। चौंकाने वाली बात यह है कि इस घोटाले की अनुमानित रकम अब 2100 करोड़ से बढ़कर 3200 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
अनवर ढेबर को मिले 90 करोड़ से ज्यादा
ईओडब्ल्यू की जांच में यह खुलासा हुआ है कि इस घोटाले के सिंडिकेट बनाने वाले मुख्य कारोबारी अनवर ढेबर को 90 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम मिली। अनवर ढेबर ने इन पैसों को अपने रिश्तेदारों और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के नाम पर कई कंपनियों में निवेश किया। यह दर्शाता है कि कैसे अवैध तरीके से कमाए गए पैसों को सफेद करने की कोशिश की गई।
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रही है। ईडी ने इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) में एफआईआर भी दर्ज कराई है। दर्ज एफआईआर में 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले का जिक्र किया गया है। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में आईएएस अफसर अनिल टुटेजा आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के एक मजबूत सिंडिकेट के जरिए इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया गया था। इस सिंडिकेट ने सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया और अवैध तरीके से करोड़ों रुपये कमाए। इस घोटाले की खबरें नेशनल जगत विजन ने प्रमुखता से प्रकाशित की थीं।
