2200 करोड़ शराब घोटाले में बिना गिरफ्तारी के 28 अधिकारियों को नोटिस, 5 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के निर्देश 

रायपुर: छत्तीसगढ़ के 2200 करोड़ रुपए के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बिना गिरफ्तारी के ही 16 वर्तमान और 12 सेवानिवृत्त अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। इन सभी को 5 जुलाई को ACB EOW के विशेष न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। ये घोटाला 2019 से 2022 के बीच भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में हुआ था, जिसमें राज्य को भारी राजस्व का भारी नुकसान पहुंचा था।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्तमान में कार्यरत अधिकारियों में नीतू नोतानी, विकास गोस्वामी, दीनकर वाशनीक, विजय सेन शर्मा, इकबाल खान, सौरभ बक्शी, जनार्दन कौरव, नोहर सिंह ठाकुर, गरीब पाल दर्दी, मोहित जायसवाल, नवीन तोमर, नितिन खंडूजा, अशोक सिंह, रवीश तिवारी, सोनल नेताम, अनिमेष नेताम, अरविंद पटले, प्रमोद कुमार नेताम, रामकृष्ण मिश्रा जैसे नाम शामिल हैं। सेवानिवृत्त अधिकारियों को भी ACB EOW की ओर से नोटिस तामील कराए जा रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि इन सभी को बिना गिरफ्तारी के ही अदालत में हाजिर होने को कहा गया है, जबकि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 2017 में अपने एक निर्देश निर्देश में कहा था कि भ्रष्टाचार जैसे मामलों में एजेंसियों को आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही चालान पेश करना होगा।

2000 करोड़ से अधिक की हेराफेरी 

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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले की जांच ED, ACB और EOW जैसी कई केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। आरोप है कि इस घोटाले में 2019 से 2022 के बीच लगभग 2000 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी हुई। यह घोटाला तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के MD अरुणपति त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए अंजाम दिया गया था। अब देखना यह है कि 5 जुलाई को कोर्ट में इन अधिकारियों की पेशी के बाद इस बड़े घोटाले में और क्या नए खुलासे होते हैं।

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