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बिल्डर की चालबाज़ी का होगा अंत: छत्तीसगढ़ में रियल एस्टेट पर सबसे बड़ी कार्रवाई, बिल्डर की 19.35 एकड़ जमीन होगी जब्त!
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रियल एस्टेट क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की तैयारी हो रही है। बिल्डर शैलेंद्र जायसवाल और उनके सहयोगियों द्वारा बिना वैध अनुमति के कॉलोनी विकसित कर अवैध रूप से प्लॉटिंग और विक्रय किए जाने के मामले में जिला प्रशासन सख्त रुख अपनाते हुए 19.35 एकड़ जमीन को राजसात करने की प्रक्रिया में है। यह कदम राज्य में पहली बार इस पैमाने पर उठाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, बिल्डर को पूर्व में संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा विकास अनुज्ञा पत्र और एसडीओ से कॉलोनी निर्माण की अनुमति प्राप्त थी। लेकिन बाद में इन अनुमतियों को अतिरिक्त कलेक्टर बिलासपुर द्वारा निरस्त कर दिया गया। बिल्डर ने इसके खिलाफ कमिश्नर कोर्ट में अपील की, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बावजूद बिल्डर ने जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर ऊंची कीमत पर प्लॉट्स बेच डाले।
बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने राजस्व व नगर निगम के अधिकारियों की 10 सदस्यीय टीम गठित की है, जो सेक्टर डी, तिफरा स्थित विवादित जमीन की जांच कर रही है। जांच में यदि अवैध प्लॉटिंग की पुष्टि होती है, तो नगर निगम छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292 (ग) और 292 (च) के तहत पूरी कॉलोनी और जमीन को राजसात करने की कार्रवाई करेगा। इसके अतिरिक्त प्लॉट विक्रय से संबंधित सभी अंतरण को भी शून्य घोषित किया जा सकता है।
दरअसल शैलेंद्र कुमार जायसवाल (कॉलोनाजर), बद्रीप्रसाद जायसवाल, राजेंद्र जायसवाल, विरेंद्र कुमार जायसवाल, सुरेंद्र कुमार जायसवाल, सुभाष कुमार जायसवाल, शैल जायसवाल, अर्चना जायसवाल एवं आभा जायसवाल (सभी भूस्वामी निवासी) निवासी-हाई कोर्ट रोड, बिलासपुर (छ.ग.) को ग्राम तिफरा स्थित भूमि खसरा नं 1367/9. 1369/2, 1370/2, 1357, 1369/3, 1355/7, 1371, 1372/2, 1356/1, 1356/2, 1366/1, 1355/4, 1355/6, 1388, 1369/5, 1370/5, 1367/10, 1368/2, 1355/8, 1367/11. 1368/3, 1367/13, 1368/5, 1075/1ख, 1075/1ग, 1355/10, 1355/5, 1367/12, 1368/4, 1369/4, 1370/4, 1372/1 कुल रकबा 19.35 एकड़ पर संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश, बिलासपुर के विकास अनुज्ञा पत्र क्र. 660/नग्रानि/अभि./03/3 29.01.2003 द्वारा विकास अनुज्ञा प्रदान की गई थी, तथा अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बिलासपुर द्वारा कॉलोनी विकास अनुमति पत्र क्र. 299/04/5-6 16 फरवरी 2006 द्वारा आवासीय कॉलोनी विकास की अनुमति प्रदान की गई थी।
इन अफसरों को मिला जांच का जिम्मा- मनीष साहू, अनुविभागीय अधिकारी (रा.), बिलासपुर गरिमा ठाकुर, तहसीलदार, बिलासपुर भानू प्रसाद पटेल, संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश, बिलासपुर राजीव स्वर्णकार, उप पंजीयक, बिलासपुर
अनुपम तिवारी, भवन अधिकारी, नगर पालिक निगम, बिलासपुर एस. पी. साहू, कार्यपालन अभियंता, जोन क्र. 02, नगर पालिक निगम, बिलासपुर आशीष पाण्डेय, उप अभियंता भवन शाखा, नगर पालिक निगम बिलासपुर राघवेंद्र सिंह राजपूत, उपअभियंता, भवन शाखा, नगर पालिक निगम, बिलासपुर जुगल किशोर सिंह, उपअभियंता, भवन शाखा, नगर पालिक निगम, बिलासपुर ऋतुराज अवस्थी, हल्का पटवारी, तिफरा।
जांच रिपोर्ट के आधार पर यदि यह साबित होता है कि कॉलोनी विकास अनुमति रद्द होने के बावजूद प्लॉटिंग और विक्रय किया गया है, तो शैलेंद्र जायसवाल सहित अन्य संबंधित भूस्वामियों के खिलाफ न केवल जमीन राजसात होगी, बल्कि कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।
