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मानसून सत्र खत्म होते ही खेत में उतरीं मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, सोशल मीडिया पर लिखा – “धान हमारी अस्मिता है”
मानसून सत्र खत्म होते ही खेत में उतरीं मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, सोशल मीडिया पर लिखा – “धान हमारी अस्मिता है”
छत्तीसगढ़ महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने विधानसभा सत्र खत्म होते ही अपने खेत में धान रोपते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, "धान हमारी अस्मिता है।" सत्र में आलोचनाओं के बीच उनके इस कदम ने दिल जीते।
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र खत्म होते ही महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े पूरी तरह बदले अंदाज़ में नज़र आईं है। हाल ही में सत्र के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों की आलोचनाओं का सामना कर चुकीं मंत्री राजवाड़े अब अपने खेतों में धान रोपती नज़र आईं है। उन्होंने इस पल को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए भावनात्मक संदेश भी लिखा है।
मंत्री राजवाड़े ने खेत में धान रोपते हुए अपनी तस्वीरें पोस्ट कीं और लिखा – “धान सिर्फ फसल नहीं, हमारी अस्मिता है। माटी में हमारा संस्कार है। ये संस्कृति, ये परंपरा – हमारी असली पहचान है।” उन्होंने लिखा कि उन्होंने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर अपने खेत में काम किया और लंबे समय बाद मिट्टी की महक को महसूस किया। मंत्री ने आगे लिखा: “जब परिवार के साथ खेतों में उतरकर रोपा लगाते थे, वो दिन आज भी आंखों के सामने है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस विरासत को सहेजें। जय जोहार, जय छत्तीसगढ़ महतारी।”
गौरतलब है कि हाल ही में समाप्त हुए विधानसभा सत्र के दौरान लक्ष्मी राजवाड़े विपक्ष के निशाने पर रहीं। महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़े कई सवालों पर उन्हें जवाब देने पड़े। कुछ सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने भी उनके विभागीय कामकाज पर सवाल उठाए थे। मगर सत्र के ठीक बाद उनका यह साधारण और जमीनी रूप, एक तरफ राजनीतिक आलोचनाओं का जवाब भी माना जा रहा है, तो दूसरी ओर उनकी छवि को और मानवीय बना रहा है।
