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स्कूलों में युक्तियुक्तकरण के खिलाफ शिक्षक संघ का विरोध, आंदोलन की चेतावनी
शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण पर नया आदेश जारी, शालेय शिक्षक संघ ने जताया विरोध – आंदोलन की चेतावनी
रायपुर / छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेशभर में स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लेकर नया आदेश जारी होते ही एक बार फिर विवाद गहरा गया है। इस आदेश के खिलाफ राज्य के प्रमुख शिक्षक संगठन शालेय शिक्षक संघ ने मोर्चा खोल दिया है और आंदोलन की चेतावनी दी है।
शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने इस फैसले को छात्रों, पालकों और शिक्षकों तीनों के साथ अन्याय करार दिया है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा लागू किए जा रहे मानदंड 2 अगस्त 2024 के पुराने आदेश पर आधारित हैं, जिसका पहले भी व्यापक विरोध हुआ था।
दुबे ने कहा, "युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूलों के सेटअप से छेड़छाड़ की जा रही है। एक ओर सरकार कहती है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाएगी, वहीं दूसरी ओर प्राथमिक शालाओं में पाँच कक्षाओं के लिए सिर्फ दो शिक्षकों की तैनाती की जा रही है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता के साथ बच्चों की सुरक्षा भी प्रभावित होगी।"
उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षक संगठनों द्वारा पूर्व में दिए गए तथ्यात्मक सुझावों को विभाग ने नजरअंदाज किया है। "विभाग की हठधर्मिता स्पष्ट है। यदि शिक्षक संगठनों से संवाद नहीं किया गया और अव्यवहारिक आदेश वापस नहीं लिया गया, तो हम चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होंगे," दुबे ने कहा।
उधर, शिक्षा विभाग का कहना है कि यह प्रक्रिया राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत की जा रही है। विभाग के अनुसार, वर्तमान में राज्य के कई स्कूलों में शिक्षक अनुपात असंतुलित है — कुछ शालाओं में शिक्षक अतिशेष हैं, जबकि कई स्कूलों में एकल शिक्षक ही कार्यरत हैं या पूरी तरह शिक्षक विहीन हैं।
विभाग ने सभी कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश भेजकर संशोधित समय-सारणी भी जारी की है, जिसके अनुसार युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को जल्द अमल में लाया जाएगा।
