हसदेव केते बेसिन के पीछे का मास्टरमाइंड IFS श्रीनिवाशन राव , मुख्यमंत्री के शपथ के तीन दिन पहले ही सीसीएफ सरगुजा को गोपनीय तरीके से दे दिया वृक्ष कटाई का आदेश

हसदेव केते बेसिन के पीछे का मास्टरमाइंड IFS श्रीनिवाशन राव , मुख्यमंत्री के शपथ के तीन दिन पहले ही सीसीएफ सरगुजा को गोपनीय तरीके से दे दिया वृक्ष कटाई का आदेश रायपुर : – छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणाम से प्रशासनिक अफसरों की नींदे उड़ चुकी है चूंकि जनता ने जो जनाधार दिया वह […]

हसदेव केते बेसिन के पीछे का मास्टरमाइंड IFS श्रीनिवाशन राव , मुख्यमंत्री के शपथ के तीन दिन पहले ही सीसीएफ सरगुजा को गोपनीय तरीके से दे दिया वृक्ष कटाई का आदेश

रायपुर : – छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के अप्रत्याशित परिणाम से प्रशासनिक अफसरों की नींदे उड़ चुकी है चूंकि जनता ने जो जनाधार दिया वह जनाधार इन अफसरों के उम्मीद से परे आया है . अब यह अधिकारी कही न कही सरकार की छवि धूमिल कर रहे है .

दरअसल मामला हसदेव केते बेसिन का है जहाँ 91 हेक्टेयर में लगभग 15300 पेड़ो की कटाई की जा चुकी है मामले को लेकर सवाल यह उठता है कि सरकार बदलने के चंद दिन भी नही बीते तो किसको इतनी जल्दी थी कि मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण का भी इंतजार न हुआ शपथ ग्रहण के तीन दिन पहले गोपनीय तरीके से पेड़ो की कटाई के आदेश जारी कर दिया गया

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उक्त मामले की जब हमने पड़ताल की तब यह बात सामने आई कि हसदेव केते बेसिन की कटाई के पीछे का सबसे बड़ा मास्टरमाइंड आईएफएस श्रीनिवाशन राव ही है श्रीनिवाशन राव ने दिनांक 11.12.2023 गुपचुप तरीके से सरगुजा सीसीएफ को एक आदेश जारी करते हुए वृक्षो की कटाई का आदेश जारी कर दिया जबकिं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिनांक 13.12.2023 को मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया .

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बड़ा सवाल यह है कि जब सूबे में सरकार बदल गई और न मुख्यमंत्री का शपथ हुआ और न ही मंत्रिमंडल का गठन हुआ तो आखिर श्रीनिवाशन किसके इशारे में इस तरह का आदेश तीन दिन पहले जारी कर दिया .
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार श्रीनिवाशन राव को पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय मे एक बड़े कारोबारी के करीबी और प्रभावशाली व्यक्ति का भी हाथ है वर्तमान में सत्तादल के एक वरिष्ठ और बड़े कारोबारी के सलाहकार है उनके द्वारा श्रीनिवाशन राव को इस तरह का आदेश निकालने के लिए कहा गया और राव को यह आश्वाशन दिया गया कि हम जिसे चाहेगे उसी के हाथ में सत्ता की चाभी होगी मगर हुआ इसके उलट सत्ता भी पलटी और कई लोगों के मंसूबे भी नाकाम हो गए
लिहाजा उस प्रभावशाली व्यक्ति और श्रीनिवाशन राव ने मिलकर सरकार की छवि धूमिल करने की योजनाबद्ध तरीके से जुगाड़ लगाया और इस तरह का आदेश जारी करवा दिया गया .

जबकिं नियमतः जब सरकार बदल गई है तो इतने बड़े फैसले जिसमे जनता आक्रोशित है और जो मुद्दा प्रदेश से निकलकर देशव्यापी बन चुका है उसमें सरकार में बैठे लोगों से सलाह या उन्हें अपने गुड बुक में लेकर करना था मगर यह अधिकारी खुद को सत्ता सरकार से भी बड़ा समझते है चूंकि भूपेश सरकार में यही चंद अफसर ही सरकार को अपने हिसाब से चलाते आ रहे है जिसका खामियाजा कांग्रेस सत्ता के बाहर होकर उठाना पड़ा .

उक्त मामले को लेकर श्रीनिवाशन राव यह कहते हुए भी नजर आ रहे है कि दिनांक 11.12.23 का यह आदेश ही मुझे ले डूबा वरना यह बात छुपी हुई नही है कि सरकार किसी भी बने जंगल विभाग मेरे ही इशारे पर चलता आया है इनके इस हरकतों की वजह से सरकार भी कही न कही कटघरे में नजर आ रही है जिसको इस मामले को लेकर जवाब देना मुश्किल नजर आ रहा है

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