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प्रदूषण पर टेंशन, पर निर्माण पर नहीं लगेगा ब्रेक: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगे दीर्घकालिक उपाय
दिल्ली: दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (17 नवंबर, 2025) को निर्माण कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि ऐसे कदम से लाखों लोगों की आजीविका प्रभावित होगी, इसलिए जल्दबाजी में कठोर प्रतिबंध लगाने के बजाय दीर्घकालिक और व्यावहारिक समाधान तलाशने होंगे। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदूषण की स्थिति के आधार पर CAQM (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट) पहले से ही आवश्यक कदम उठा रहा है।
अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकारों के साथ बैठक कर वायु प्रदूषण की समस्या के स्थायी समाधान पर विस्तृत सुझाव पेश करे। इसके लिए केंद्र को एक दिन का समय दिया गया है। साथ ही बुधवार (19 नवंबर, 2025) की अगली सुनवाई में कोर्ट ने यह हलफनामा भी मांगा है कि दिल्ली में प्रदूषण निगरानी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे उपकरण तकनीकी रूप से सक्षम हैं या नहीं।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि अदालत विशेषज्ञ संस्थाओं की जगह नहीं ले सकती और न ही हर साल दिल्ली के प्रदूषण संकट को प्रबंधित करना उसकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय चिंताओं और विकास के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है।
कोर्ट ने केंद्र को यह भी याद दिलाया कि निर्माण क्षेत्र से लाखों परिवारों की आजीविका जुड़ी है, ऐसे में व्यापक प्रतिबंध के गंभीर सामाजिक और आर्थिक दुष्परिणाम होंगे। इसलिए समाधान ऐसा होना चाहिए जो प्रदूषण कम करे, लेकिन लोगों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव भी न डाले।
