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दीप जलाने पर विवाद: हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुँची तमिलनाडु सरकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज तमिलनाडु सरकार की उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई, जिसमें मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जो अरुलमिघु सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर के भक्तों को थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी स्थित पत्थर के लैंप पिलर ‘दीपथून’ पर पारंपरिक ‘कार्तिगई दीपम’ जलाने की अनुमति देता है। सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने राज्य सरकार की दलीलों पर ध्यान दिया और कहा कि याचिका को उचित बेंच के सामने सूचीबद्ध करने पर विचार किया जाएगा।
सरकार पर ‘ड्रामा’ का आरोप
मामले के उल्लेख के दौरान उत्तरदाताओं के एक वकील ने राज्य सरकार पर “बिना वजह हाईकोर्ट को संदेश देने के लिए ड्रामा करने” का आरोप लगाया। हालांकि, राज्य के वकील ने कहा कि वे केवल मामले का ज़िक्र कर रहे थे।
हाईकोर्ट ने दी थी दीप जलाने की अनुमति
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने जिला कलेक्टर और सिटी पुलिस कमिश्नर द्वारा दायर इंट्रा-कोर्ट अपील को खारिज कर दिया था, जिससे सिंगल जज का फैसला बरकरार रहा। 1 दिसंबर को जस्टिस जी.आर. स्वामीनाथन ने निर्देश दिया था कि मंदिर प्रशासन पारंपरिक लाइटिंग के साथ-साथ ‘दीपथून’ पर भी दीप प्रज्वलन सुनिश्चित करे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि इससे पास की दरगाह या किसी समुदाय के अधिकार प्रभावित नहीं होंगे।
आदेश लागू न होने पर CISF को सुरक्षा का निर्देश
जब एक दिसंबर का आदेश लागू नहीं हुआ, तो तीन दिसंबर को सिंगल जज ने नया आदेश जारी किया, जिसमें भक्तों को स्वयं दीया जलाने की अनुमति दी गई और CISF को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। इन्हीं परिस्थितियों के बीच तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। अब शीर्ष अदालत इस विवाद पर आगे की सुनवाई करेगी।
