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कोरबा कोर्ट में श्रीकृष्ण बिल्डकॉन की याचिका खारिज – बार-बार की अनुपस्थिति बनी वजह वाद क्रमांक 02 ए/2024 में अरुणिमा सिंह को मिली बड़ी राहत...

कोरबा/ - प्रथम जिला न्यायाधीश, कोरबा (छत्तीसगढ़) की अदालत में चल रहे व्यवहार वाद क्रमांक 02 ए/2024, श्रीकृष्ण बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड बनाम अरुणिमा सिंह व अन्य मामले में वादी पक्ष की निरंतर अनुपस्थिति के चलते कोर्ट ने प्रकरण को "अदम पैरवी में बारीज" यानी खारिज कर दिया है।
13 दिसंबर 2024 की सुनवाई में क्या हुआ?
नियत तिथि को जब वादी पक्ष को साक्ष्य प्रस्तुत करना था, न तो श्रीकृष्ण बिल्डकॉन के प्रतिनिधि और न ही उनके किसी अधिवक्ता ने कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराई।देर शाम 5 बजे तक न्यायालय द्वारा कई बार पुकार लगाए जाने के बावजूद भी वादी की ओर से कोई जवाब नहीं आया।
वहीं प्रतिवादी क्रमांक 01 श्रीमती अरुणिमा सिंह की ओर से अधिवक्ता प्रेम केवट उपस्थित रहे, जबकि प्रतिवादी क्रमांक 02 पहले से ही एकपक्षीय करार दिया जा चुका था।
न्यायालय का सख्त रुख
कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि वादी श्रीकृष्ण बिल्डकॉन की ओर से लगातार अनुपस्थिति और मुकदमे की ठोस पैरवी नहीं किए जाने के कारण यह मामला न्यायिक प्रक्रिया की अवमानना की श्रेणी में आता है और इस आधार पर वाद को खारिज किया जाता है।
प्रथम जिला न्यायाधीश श्रीमती गरिमा शर्मा द्वारा पारित आदेश में यह भी निर्देशित किया गया कि प्रकरण की कार्यवाही समाप्त मानी जाती है, इसे पंजी में दर्ज कर अभिलेखागार में सुरक्षित किया जाएगा।
न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान अनिवार्ययह फैसला न केवल अरुणिमा सिंह के लिए राहत भरा है, बल्कि यह न्यायालय की ओर से यह संदेश भी देता है कि न्यायिक समय और संसाधनों की बर्बादी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
न्यायिक मामलों में पक्षकारों की जिम्मेदारी और समय पालन की अनिवार्यता को इस आदेश ने रेखांकित किया है।अब देखने वाली बात होगी कि क्या श्रीकृष्ण बिल्डकॉन इस आदेश के विरुद्ध उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करता है या निर्णय को स्वीकार करता है।