बिल्डरों में हड़कंप: नगर निगम ने किया 19 एकड़ की अवैध कॉलोनी को राजसात, राज्य में पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई

बिलासपुर। न्यायधानी बिलासपुर से एक बहुत बड़ी खबर सामने आई है, जिसने अवैध कॉलोनाइजरों के बीच हड़कंप मचा दिया है। बिलासपुर नगर निगम ने 19 एकड़ निजी भूमि पर बनी एक पूरी की पूरी कॉलोनी को राजसात कर लिया है। छत्तीसगढ़ में यह पहला मौका है जब छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 292 ग का प्रयोग करते हुए किसी निजी कॉलोनी को पूरी तरह से राजसात किया गया है। अब इस कॉलोनी में बचे हुए लगभग 80 प्लॉटों की बिक्री खुद नगर निगम करेगा।

क्या है पूरा मामला?

निगम कमिश्नर अमित कुमार के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। यह मामला बिलासपुर-रायपुर रोड पर तिफरा सेक्टर डी मंडपम शादी घर के बाजू में बनी जायसवाल कॉलोनी का है, जिसे वर्ष 2003 में बनाया गया था। कॉलोनी को विकसित करने के लिए पहले एसडीएम से अनुमति ली गई थी, लेकिन यह कॉलोनी जायसवाल भाइयों की संयुक्त भूमि पर बनी थी। एक भाई ने इस अनुमति के खिलाफ एडिशनल कलेक्टर कोर्ट में अपील कर दी थी।

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एडिशनल कलेक्टर ने सुनवाई के बाद एसडीएम द्वारा दी गई बिक्री की अनुमति को रद्द कर दिया। इसके बाद कॉलोनाइजरों ने संभागायुक्त कोर्ट में अपील की, लेकिन वहाँ से भी उनकी अनुमति खारिज हो गई। तब यह क्षेत्र ग्राम पंचायत के अधीन था, इसलिए उन्होंने पंचायत सचिव के पास अपील की, लेकिन वहाँ भी कॉलोनाइजर केस हार गए।

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निगम में शामिल होते ही हुई कार्रवाई

वर्ष 2019 में यह क्षेत्र नगर निगम में शामिल हो गया। औद्योगिक विकास निगम ने इस कॉलोनी के बीच से सड़क बनाने का नक्शा बनाया, जिस पर मुआवजे को लेकर विवाद खड़ा हुआ। मामला जिला प्रशासन और नगर निगम के संज्ञान में आया। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने निगम आयुक्त अमित कुमार की अध्यक्षता में एक जाँच समिति गठित की।

समिति की जाँच में सामने आया कि कॉलोनाइजर द्वारा शासन के नियमों की जमकर धज्जियाँ उड़ाई गईं। समिति की सिफारिश पर निगम आयुक्त अमित कुमार ने छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम की धारा 292 च (अवैध कॉलोनी निर्माण की भूमि का प्रबंधन अधिग्रहण) और 296 छ (अवैध कॉलोनी निर्माण वाली भूमि का समपहरण) के तहत यह ऐतिहासिक कार्रवाई की है। दावा आपत्तियों की सुनवाई के बाद कुल 19.35 एकड़ की भूमि को राजसात कर लिया गया है।

 50 प्लॉट वालों को राहत, 80 प्लॉट निगम बेचेगा

इस कॉलोनी के लगभग 50 प्लॉट पहले ही बिक चुके हैं। राहत की बात यह है कि जिन लोगों ने इन 50 प्लॉटों की रजिस्ट्री करा ली है, उनका स्वामित्व उन्हीं के पास रहेगा। लेकिन बाकी बचे हुए लगभग 80 प्लॉटों की बिक्री अब नगर निगम करेगा, जिससे निगम को बड़ी कमाई होगी। नेशनल हाईवे पर मेन रोड से लगी होने के कारण यह जमीन बहुत कीमती है। निगम आयुक्त अमित कुमार ने बिलासपुर एसडीएम को इस कॉलोनी का नामांतरण निगम के नाम करने के लिए पत्र लिख दिया है।

इन खसरा नंबरों को किया गया राजसात...

खसरा नंबर: 1367/9, 1369/2, 1370/2, 1357,1369/3, 1355/7, 1371, 1372/2, 1356/1, 1356/2, 1366/1, 1355/4, 1355/6, 1388, 1369/5, 1370/5, 1367/10, 1368/2, 1355/8, 1367/11, 1368/3, 1367/13, 1368/5, 1075/1ख, 1075/1ग, 1355/10, 1355/5, 1367/12, 1368/4, 1369/4, 1370/4, 1372/1 कुल 19.35 एकड़ को अवैध कॉलोनी निर्माण के प्रकरण में दोषी पाते हुए कार्रवाई के लिए चुना गया। इस पूरी भूमि को छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292-च (अवैध कॉलोनी की भूमि का प्रबंधन आयुक्त को सौंपना) और धारा 292-छ (अवैध कॉलोनी की भूमि का समपहरण) के तहत निगम के प्रबंधन-अधिग्रहण में लेने के आदेश जारी किए गए।

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