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अब कोर्ट नंबर 1 में वरिष्ठ वकील नहीं कर पाएंगे केस का मौखिक उल्लेख, CJI ने लगाया प्रतिबंध; सोमवार से लागू होगा नियम
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में अब वरिष्ठ वकील मौखिक तौर पर केसों का उल्लेख नहीं कर पाएंगे। मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने कोर्ट नंबर 1 में वरिष्ठ अधिवक्ताओं के मौखिक उल्लेख पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला तब लिया गया जब वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी एक मामले का उल्लेख करने के लिए खड़े हुए थे। CJI ने कहा कि जूनियर वकीलों को भी मौका मिलना चाहिए। यह नया नियम अगले सोमवार यानी 11 अगस्त से प्रभावी होगा। इस संबंध में कोर्ट मास्टर को नोटिस जारी करने का भी निर्देश दिया गया है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
बुधवार को जब वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी CJI गवई की अदालत में किसी मामले का मौखिक उल्लेख करने के लिए खड़े हुए, तो जस्टिस गवई ने उनसे कहा कि एक बड़ी मांग है कि वरिष्ठ वकीलों को मौखिक उल्लेख करना बंद कर देना चाहिए। इस पर सिंघवी ने कहा कि वह इसके लिए तैयार हैं, बशर्ते यह नियम सभी पर समान रूप से लागू हो। CJI ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि अब से किसी भी नामित वरिष्ठ वकील को मौखिक उल्लेख की अनुमति नहीं दी जाएगी, ताकि जूनियर वकीलों को भी मौका मिले।
सोमवार से प्रभावी होगा नया नियम
CJI ने कहा कि यह नियम अगले सोमवार से लागू होगा, ताकि सभी वकीलों को इसकी सूचना मिल सके और किसी को अचानक इस बदलाव से परेशानी न हो। जस्टिस गवई ने कहा कि कोर्ट मास्टर को इस संबंध में एक नोटिस भी जारी करने का निर्देश दिया गया है। इस फैसले को कानूनी जगत में जूनियर वकीलों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि अब उन्हें अपनी बात रखने का अधिक मौका मिलेगा।
