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हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी: स्वास्थ्य सचिव पर 'शंकराचार्य इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज' को संरक्षण देने का गंभीर आरोप
रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग और एक निजी मेडिकल कॉलेज के बीच बड़े विवाद का मामला सामने आया है। शंकराचार्य इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, भिलाई की सीबीआई जांच का आदेश छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दिया था, लेकिन आरोप है कि राज्य के स्वास्थ्य सचिव ने आज तक यह जांच सीबीआई को नहीं सौंपी है। इस देरी और निष्क्रियता पर स्वास्थ्य सचिव पर सीधे तौर पर शंकराचार्य इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लग रहा है, जिससे पूरे मामले पर रहस्य गहरा गया है।
एडमिशन दबाव में हटाया गया डायरेक्टर हेल्थ!
मामला केवल सीबीआई जांच तक सीमित नहीं है। सूत्रों के अनुसार, हाल ही में हाईकोर्ट ने कॉलेज की दो सीटों के लिए काउंसलिंग की तारीख बढ़ाने का निर्देश दिया था। इस निर्देश पर डायरेक्टर हेल्थ ने तारीख तो बढ़ा दी, लेकिन शंकराचार्य इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने यूनिवर्सिटी से मान्यता संबंधित दस्तावेज जमा नहीं किए।
बावजूद इसके, स्वास्थ्य सचिव लगातार डायरेक्टर हेल्थ पर एडमिशन के लिए दबाव बनाते रहे। बताया जा रहा है कि जब डायरेक्टर हेल्थ ने यह दबाव नहीं माना, तो उन्हें पद से हटा दिया गया। खबर है कि कल (शुक्रवार) ही शिखा तिवारी को इस पद से हटा दिया गया।
राज क्या है? जांच की मांग तेज
स्वास्थ्य सचिव द्वारा हाईकोर्ट के सीधे आदेश के बावजूद सीबीआई जांच न सौंपना और कॉलेज को जरूरी दस्तावेज जमा किए बिना भी एडमिशन के लिए दबाव बनाना कई सवाल खड़े करता है। राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में यह चर्चा गर्म है कि आखिर स्वास्थ्य सचिव किस वजह से शंकराचार्य इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज को बचा रहे हैं।
यह पूरा घटनाक्रम प्रदेश के प्रशासनिक और शैक्षणिक जगत में बड़ी हलचल पैदा कर रहा है। माना जा रहा है कि इस मामले में अभी और भी कई बड़े खुलासे होने बाकी हैं।
