छत्तीसगढ़ में आरक्षण बढ़ाने को लेकर मचा घमासान, विरोध में ब्राह्मण-क्षत्रिय, अग्रवाल समाज..राज्यपाल से मिलकर कहा…

छत्तीसगढ़ में आरक्षण बढ़ाने को लेकर मचा घमासान, विरोध में ब्राह्मण-क्षत्रिय, अग्रवाल समाज..राज्यपाल से मिलकर कहा… रायपुर : छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर मचा घमासान अब और तेज होने लगा है। आदिवासी, अनुसूचित जाति, ओबीसी वर्ग के नेता जहां राज्यपाल से आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करने की मांग कर रहे हैं तो वहीं अग्रवाल, […]

छत्तीसगढ़ में आरक्षण बढ़ाने को लेकर मचा घमासान, विरोध में ब्राह्मण-क्षत्रिय, अग्रवाल समाज..राज्यपाल से मिलकर कहा…

रायपुर : छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर मचा घमासान अब और तेज होने लगा है। आदिवासी, अनुसूचित जाति, ओबीसी वर्ग के नेता जहां राज्यपाल से आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करने की मांग कर रहे हैं तो वहीं अग्रवाल, ब्राह्मण और राजपूत समाज इसके विरोध में उत्तर आया है। उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक प्रदेश में भी आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तक ही रखी जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 50% से अधिक आरक्षण नहीं होना चाहिए।

समाज के प्रतिनिधि मिले राज्यपाल से

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छत्तीसगढ़ प्रांतीय अखंड ब्राह्मण समाज ने राज्यपाल से मुलाकात कर आरक्षण की सीमा 50 फीसदी रखने की मांग की है। उन्होंने सामान्य वर्ग के आरक्षण हितग्राहियों की गणना के लिए बनाये गये क्वांटिफायबल डाटा आयोग के आंकड़े सिर्फ हवा-हवाई बताया है। छत्तीसगढ़ अग्रवाल संघ के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपकर आरक्षण की सीमा 50 फीसदी रखने की मांग की। जबकि राजपूत क्षत्रिय महासभा के प्रतिनिधि भी राज्यपाल से मिले और ज्ञापन देकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक आरक्षण की सीमा 50 फीसदी रखने की बात कही।

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पिछड़ा वर्ग ने दिया राष्ट्रपति, पीएम के नाम ज्ञापन

पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपा है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ने एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के आरक्षण के लिए विधेयक पारित कर राज्यपाल के पास भेजा है। जो कि राज्यपाल के पास लंबित है। राज्यपाल ने सिर्फ आदिवासियों के आरक्षण के लिए सत्र बुलाने का सार्वजनिक बयान दिया है। जबकि साहू समाज और कुर्मी महासभा ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण को न्यायसंगत बताया है।

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