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पत्रकारिता को कलंकित कर रहे फर्जी पत्रकार , गिरोह बनाकर करते है वसूली का धंधा ,

पत्रकारिता को कलंकित कर रहे फर्जी पत्रकार , गिरोह बनाकर करते है वसूली का धंधा , रायपुर : प्रदेश में न्यूज वेब पोर्टल की आड़ में व्लैकमेलिंग और अवैध वसूली की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है । अनाधिकृत और कुकुरमुत्ते की तरह उग आए वेब पोर्टलों पर सरकार द्वारा कारगर रोक नहीं लगाने […]

पत्रकारिता को कलंकित कर रहे फर्जी पत्रकार , गिरोह बनाकर करते है वसूली का धंधा ,
रायपुर : प्रदेश में न्यूज वेब पोर्टल की आड़ में व्लैकमेलिंग और अवैध वसूली की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है । अनाधिकृत और कुकुरमुत्ते की तरह उग आए वेब पोर्टलों पर सरकार द्वारा कारगर रोक नहीं लगाने तथा न्यूज पोर्टलों को सरकारी विज्ञापन की सुविधा मिलने से इसकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है । स्वतंत्र पत्रकारिता के नाम पर वेब पोर्टल की आड़ में तथाकथित पत्रकार अवैध उगाही और ब्लैकमेलिंग के जरिए मोटी कमाई का रास्ता ढूंढते हैं । कुछ लोग इसे शार्टकट से कमाई करने का जरिया बनाने में लगे हैं ।

दरअसल मामला प्रदेश की राजधानी का है जहाँ तथा कथित पत्रकार राहुल गिरी गोस्वामी स्वतंत्र बोल नामक पोर्टल का संचालन करता है । इस टाइटल के आधार पर क्या इन पोर्टल वालो को इतनी स्वतंत्रता मिल जाती है कि यह किसी की भी व्यक्ति के निजता का उलग्घन करने से बाज नही आते है । किसी अधिकारी के निजी जीवन में दखलदांजी करना यह किसी भी तरह से पत्रकारिता में स्वीकारोक्ति नही है । इस तरह से किसी की निजता का उलग्घन और उसे समाज मे परोसा जाना यह घृणित अपराध की श्रेणी में आता है ।
उल्लेखनीय है कि इस तरह से निजता को समाज मे परोसने के पीछे की मंशा क्या है यह एक गिरोह की तरह अधिकारियों को टार्गेट करते है और अधिकारियों से मोटी रकम की मांग करते है । जब इन्हें पैसे नही मिलता तो यह इस तरह से निजी जीवन को छापकर खुद को पत्रकार समाज का हितैषी बताते है ।
इन जैसे ब्लैकमेलरों की वजह से पत्रकारिता अपने कलंकित दौर से गुजर रही है ।अगर इस पर लगाम नही लगाई गई तो वह दिन दूर नही की लोकतंत्र का चौथा स्तंभ अपनी विश्वसनीयता को खो देगा इस पर अंकुश लगाया जाना बेहद जरूरी है ।