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दंतेवाड़ा डीएसपी को ब्लैकमेल करने वाला ओयो होटल कारोबारी अब खुद फंसा, अंबेडकर टंडन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी पहले भी कर चुका नौकरी के नाम पर ठगी
रायपुर/कोरबा। दंतेवाड़ा की महिला डीएसपी पर ब्लैकमेलिंग और रिश्वतखोरी का संगीन आरोप लगाकर सुर्खियों में आए रायपुर के होटल कारोबारी दीपक टंडन उर्फ अंबेडकर टंडन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कोरबा कोर्ट ने धोखाधड़ी के एक पुराने मामले में पेश नहीं होने पर दीपक टंडन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटघोरा ने यह वारंट जारी किया है। आरोपी अंबेडकर टंडन का विवादों और ठगी से पुराना नाता रहा है।
क्या है वारंट जारी होने का कारण
यह वारंट कोरबा के दीपका थाने में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले से जुड़ा है। पीड़ित महेंद्र सिंह ने साल 2020 में दीपक टंडन के खिलाफ करीब 28 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दीपक टंडन को पेश होने का निर्देश दिया था। कोर्ट के बार-बार आदेश के बावजूद आरोपी पुलिस के सामने पेश नहीं हुआ, जिसके बाद कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।
डीएसपी से विवाद के बाद आया था चर्चा में
दीपक टंडन उस समय प्रदेश भर में चर्चा का विषय बन गया था, जब उसने दंतेवाड़ा में पदस्थ डीएसपी कल्पना वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए थे। दीपक टंडन ने दावा किया था कि डीएसपी ने उसे कथित तौर पर 'लव ट्रैप' में फंसाया और शादी का झांसा देकर उससे करोड़ों रुपये, एक महंगी गाड़ी और बेशकीमती गहने ठग लिए। हालांकि, डीएसपी ने इन सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया था और उन्हें मनगढ़ंत बताते हुए मानहानि का केस करने की बात कही थी। फिलहाल, दीपक टंडन के लगाए गए आरोपों की भी जाँच की जा रही है।
ठगी और विवादों से पुराना नाता
गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद यह बात फिर सामने आई है कि अंबेडकर टंडन का आपराधिक और विवादित रिकॉर्ड रहा है। वह लोगों को बहला फुसलाकर और बड़ा फायदा दिलाने का झांसा देकर ठगी करता रहा है।
2018 में नौकरी के नाम पर की थी वसूली
सिविल लाइन्स थाने में दर्ज एक पुरानी रिपोर्ट (FIR No. 0276/2018) के अनुसार, अंबेडकर टंडन ने साल 2018 में भी नौकरी ने नाम पर धोखाधड़ी की थी। उस समय उसने जितेन्द्र देवांगन नाम के युवक को व्यापमं द्वारा आयोजित राजस्व निरीक्षक (नगर निगम) की परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले उपलब्ध कराने का झांसा दिया था।
मांगी थी मोटी रकम: आरोपी ने प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका देने के एवज में प्रति व्यक्ति तीन लाख रुपये (₹3,00,000) की मांग की थी। इसमें एक लाख रुपये नकद और दो लाख रुपये का चेक शामिल था।
झांसे में आए युवक से मुलाकात:
शिकायतकर्ता जितेन्द्र देवांगन अपने बहनोई के लिए परीक्षा का पेपर लेने को तैयार हो गया था और 14 अप्रैल 2018 को रात करीब 10 बजे वह शंकर नगर चौक पर अंबेडकर टंडन से मिला था।
पेपर नहीं मिला, फिर भी ऐंठे पैसे: जब जितेन्द्र देवांगन ने पेपर मांगा, तो टंडन ने बहाना बना दिया कि पेपर नहीं आ पाया है। उसने युवक से पचास हजार रुपये नकद लाने को कहा था। जितेन्द्र देवांगन ने धोखाधड़ी होने के बावजूद अपने पास रखे पांच हजार रुपये (₹5,000) अंबेडकर टंडन को दे दिए थे।
सिविल लाइन्स पुलिस ने उस समय अंबेडकर टंडन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादवि) की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत अपराध दर्ज किया था। सूत्रों ने बताया कि आरोपी दीपक टंडन उर्फ अंबेडकर टंडन के खिलाफ प्रदेश के अलग-अलग थानों में ठगी और धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस अब सक्रिय रूप से आरोपी की तलाश कर रही है।
