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सरकारी अस्पताल में बड़ा फर्जीवाड़ा: बिना विज्ञापन कंप्यूटर ऑपरेटर और स्टाफ नर्स की भर्ती
जांजगीर-चांपा: जांजगीर-चांपा जिला चिकित्सालय में एक बड़ा भर्ती घोटाला सामने आया है। यहां जीवन दीप समिति के तहत तीन कंप्यूटर ऑपरेटर और चार स्टाफ नर्स की नियुक्तियां बिना किसी विज्ञापन या आवेदन प्रक्रिया के कर दी गईं। आरोप है कि यह नौकरियां 'बैकडोर' से दी गईं और इसके लिए मोटी रकम भी वसूली गई। इन नियुक्तियों को लेकर जिले में भारी चर्चा है।
मिली जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय में भर्ती के लिए न तो कोई आधिकारिक विज्ञापन जारी किया गया और न ही उम्मीदवारों से कोई आवेदन पत्र भरवाए गए। स्थानीय सूत्रों का दावा है कि अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने अपने चहेतों को ये नौकरियां दिलवाई हैं। यह भी बताया जा रहा है कि इन नियुक्तियों के पीछे तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ दीपक जायसवाल का हाथ है जिनका हाल ही में स्थानांतरण हुआ है। आरोप है कि उन्होंने जाते-जाते कुछ लोगों को बैकडोर से भर्ती कर दिया।
नियमों के मुताबिक किसी भी सरकारी भर्ती के लिए बकायदा विज्ञापन जारी करना होता है और निर्धारित मानदंडों के अनुसार पात्र उम्मीदवारों का चयन प्रक्रिया के तहत किया जाता है। साथ ही रोजगार कार्यालय से बेरोजगारों की सूची मंगाई जाती है और वरीयता के आधार पर नियुक्ति की जाती है। लेकिन इस मामले में इन सभी नियमों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है। सोमवार को इन सातों लोगों को ज्वाइनिंग भी दे दी गई जिससे इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है। इस फर्जीवाड़े को लेकर स्थानीय प्रशासन और उच्च अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं। मामले की निष्पक्ष जांच की मांग जोर पकड़ रही है ताकि दोषियों पर कार्रवाई हो सके और भविष्य में ऐसी अनियमितताओं पर रोक लग सके।
