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अपडेट...बोदरी नगर पंचायत में नक्शा पास करने के नाम पर वसूली, एसीबी ने सीएमओ भारती साहू और बाबू को दबोचा
बिलासपुर। सरकारी दफ्तरों में कुर्सी पर बैठे साहबों की भूख कितनी बढ़ गई है इसका नमूना बुधवार को बोदरी नगर पंचायत में देखने को मिला। भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो यानी एसीबी की टीम ने यहां की सीएमओ भारती साहू और संविदा बाबू सुरेश सीहोरे को 12 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह पूरी सेटिंग एक मकान का नक्शा पास करने के नाम पर की गई थी। एसीबी की इस अचानक हुई रेड से पूरे दफ्तर में खलबली मच गई और जो बाबू कल तक सीना तानकर पैसे मांग रहे थे उनके चेहरे का रंग उड़ गया।
भ्रष्टाचार का यह खेल किसी फिल्म से कम नहीं है। सरकंडा निवासी वेदराम निर्मलकर अपने घर का नक्शा पास कराने के लिए दफ्तर के चक्कर लगा रहे थे। सरकारी फीस और ड्राफ्ट जमा करने के बाद भी बाबू सुरेश सीहोरे का पेट नहीं भरा और उन्होंने अलग से 15 हजार रुपए की मांग रख दी। जब वेदराम ने मजबूरी बताई तो सौदा 12 हजार रुपए में तय हुआ। पीड़ित ने इसकी शिकायत एसीबी से कर दी। बुधवार को जैसे ही बाबू ने रिश्वत की रकम पकड़ी सादे कपड़ों में तैनात टीम ने उसे दबोच लिया। पकड़े जाने के बाद बाबू ने सारा ठीकरा मैडम पर फोड़ते हुए कहा कि वह तो सिर्फ मोहरा है और सीएमओ व इंजीनियर के कहने पर ही पैसे लेता था।
रसूख और भ्रष्टाचार का पुराना नाता
सीएमओ भारती साहू का विवादों से पुराना नाता रहा है। दफ्तर के गलियारों में चर्चा है कि उनकी कार्यशैली को लेकर पहले भी कई बार आला अधिकारियों तक शिकायतें पहुंची थीं लेकिन अपने ऊंचे रसूख के दम पर वे हर बार बच निकलती थीं। इस बार एसीबी के जाल ने उनके रसूख की हवा निकाल दी। टीम ने सीएमओ और बाबू दोनों को हिरासत में लेकर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इंजीनियर के एन उपाध्याय को भी बैठाकर पूछताछ की जा रही है क्योंकि बाबू ने साफ कहा है कि वसूली की मलाई ऊपर तक जाती थी।
रिश्वत कांड का पूरा ब्योरा
कुल मांग 15 हजार रुपए की थी जिसे बाद में 12 हजार रुपए तय किया गया। शिकायतकर्ता वेदराम निर्मलकर ने 12 दिसंबर को इसकी शिकायत की थी। आरोपी बाबू सुरेश सीहोरे संविदा कर्मचारी है जो सीएमओ भारती साहू के लिए वसूली का काम करता था। एसीबी की टीम ने 17 दिसंबर 2025 को इस जाल को बिछाया और आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा।
एक आम आदमी बड़ी मुश्किल से पाई पाई जोड़कर अपना घर बनाता है लेकिन नगर पंचायत में बैठे इन दीमकों को वहां भी अपना हिस्सा चाहिए होता है। बाबू का यह कबूलनामा कि वह मैडम के कहने पर पैसे लेता था यह बताने के लिए काफी है कि सिस्टम के भीतर भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं। फिलहाल एसीबी के अधिकारी दफ्तर के दूसरे दस्तावेजों की भी जांच कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि अब तक और कितने लोगों की जेब काटी गई है।
सूत्र बताते है कि सीएमओ भारती साहू अपने आप को कसडोल विधायक की बहन बताती है
