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खुलासा! सरकारी शराब दुकान में नकली शराब का काला कारोबार, 250 पेटी जब्त, आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई
लालपुर शराब भट्टी में हुई कार्यवाही
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आबकारी विभाग के उड़नदस्ता दल ने एक बार फिर मिलावटी शराब के गोरखधंधे का पर्दाफाश कर दिया है। लालपुर स्थित कंपोजिट सरकारी शराब भट्टी में की गई ताबड़तोड़ दबिश के दौरान विभाग की टीम ने 250 पेटी मिलावटी शराब जब्त की है। कई बोतलों में ब्रांडिंग की चौंकाने वाली खामियां मिली हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि यह सीधे तौर पर नकली शराब का धंधा चल रहा था। यह कार्रवाई विभाग के संभागीय उड़नदस्ता प्रभारी के नेतृत्व में की गई, जिसने भूपेश सरकार की तर्ज पर आबकारी विभाग की सक्रियता को एक बार फिर साबित कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, उड़नदस्ता दल को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि लालपुर स्थित शराब दुकान में घटिया और मिलावटी शराब बेची जा रही है। इन शिकायतों की पुष्टि के लिए जब टीम ने गुरुवार शाम दबिश दी, तो वहां चिप रेट ब्रांड की शराब में पानी मिलाकर उसे ग्राहकों को बेचा जा रहा था। मौके पर ही इस गैरकानूनी कार्य को रंगे हाथों पकड़ा गया।
होलोग्राम नहीं, नकली पैकिंग से ब्रांडिंग का झांसा दबिश के दौरान गोवा ब्रांड की 26 पेटी शराब में होलोग्राम नहीं पाया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि बोतलों में मानक के अनुसार सीलिंग और पैकेजिंग नहीं की गई थी। यह सीधा तौर पर आबकारी अधिनियमों के उल्लंघन का मामला है। विभाग ने इस पर सख्त कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। तीन सेल्समेन हिरासत में, मुख्य आरोपी फरार कार्रवाई के दौरान दुकान का सुपरवाइजर शेखर बंजारे और तीन सेल्समेन मौके से फरार हो गए, जिनकी तलाश अभी जारी है। वहीं, तीन अन्य सेल्समेन को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इन कर्मचारियों को एक निजी प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से भर्ती किया गया था, जो आबकारी विभाग के सरकारी ठेके पर काम कर रहे थे। घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सरकारी शराब दुकानों में काम करने वाले निजी प्लेसमेंट एजेंसी के कर्मचारी क्या किसी प्रशिक्षण या पृष्ठभूमि जांच के बिना ही रख लिए जाते हैं? यदि हां, तो यह प्रदेशभर की शराब दुकानों में संभावित अनियमितताओं का एक बड़ा कारण हो सकता है। विभागीय सूत्रों ने माना कि इन एजेंसी कर्मियों की भूमिका की जांच की जाएगी।
आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई तय संभागीय उड़नदस्ता दल ने बताया कि मिलावटी शराब की बिक्री और ब्रांडिंग में खामियों के आधार पर आबकारी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। ज़ब्त शराब की गुणवत्ता की जांच के लिए लैब परीक्षण भी कराया जाएगा।
शराब माफियाओं पर शिकंजा! 'सुशासन' के नाम पर जनता की सेहत से खिलवाड़, क्या अब सुधरेगी सरकारी दुकानें?
मिलावटी शराब के इस 'काले कारोबार' से न केवल सरकारी राजस्व को चूना लग रहा है, बल्कि इससे शराब का सेवन करने वाले आम लोगों की सेहत पर सीधा और गंभीर खतरा मंडरा रहा है। इस तरह की शराब में मिलाया गया पानी और अन्य अपमिश्रण तत्व जानलेवा साबित हो सकते हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं या मृत्यु तक हो सकती है। संभागीय उड़नदस्ता प्रभारी ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई एक सतत अभियान का हिस्सा है और आने वाले दिनों में प्रदेश की अन्य शराब दुकानों पर भी आकस्मिक निरीक्षण किए जाएंगे। दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाए जाएंगे और यदि आवश्यकता पड़ी तो लाइसेंस निलंबन तक की कार्रवाई की जा सकती है। इस पूरी कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सरकारी व्यवस्था में ढील या निजी एजेंसियों की मनमानी का खामियाजा अंततः आम जनता को ही भुगतना पड़ता है।
