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बिलासपुर में कोयले का काला खेल: अफसरों की चुप्पी और मिलावट की आंधी में उड़ रहे नियम और कायदे
बिलासपुर जिले में इन दिनों कोयले का अवैध कारोबार प्रशासन की नाक के नीचे धूम मचा रहा है या यू कहें धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। नियम सिर्फ कागजों तक सिमट कर रह गए हैं और कोल वाशरियां काला बाजारी का अड्डा बन चुकी हैं। आलम यह है कि खनिज विभाग और जिला प्रशासन के अफसर गहरी नींद में सोए हैं, जिसका फायदा उठाकर ट्रांसपोर्टर और उद्योग प्रबंधन करोड़ों के राजस्व को चूना लगा रहे हैं। जिले के हिंडाडीह, गतौरा और घुटकू जैसे गांवों में कोयले की धूल ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है, लेकिन शिकायतों के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है।
मामले में खनिज विभाग के उप संचालक किशोर गोलघाटे मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं और फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं
विजिलेंस टीम की पुरानी जांच में बड़ी गड़बड़ियां मिली थीं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति हुई। नियमानुसार हर तीन महीने में कोल वाशरी और उद्योगों के स्टॉक की जांच होनी चाहिए, लेकिन जिले में यह प्रक्रिया महीनों से ठप पड़ी है। सूत्रों का कहना है कि ऊंचे दामों वाले अच्छे ग्रेड के कोयले में घटिया किस्म का अवैध कोयला मिलाया जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है बल्कि सरकार को मिलने वाले टैक्स की भी चोरी हो रही है।
हवा में उड़ रहे नियम: एयर डिस्टेंस का नहीं हो रहा पालन
नियमों के मुताबिक कोल वाशरी और खनन क्षेत्र कोयला खदान इलाकों के बीच एक निश्चित दूरी (25 किमी होनी चाहिए लेकिन बिलासपुर में इस नियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
खेतों में बिछ रही कोयले की काली परत
हिंडाडीह, गतौरा, घुटकू, अमसेना, बेलमुंडी और जयरामनगर के ग्रामीण सबसे ज्यादा परेशान हैं। ग्रामीणों ने बताया कि घरों के आंगन से लेकर खेतों की फसलों तक पर कोयले की काली डस्ट जम गई है। इससे फसलें बर्बाद हो रही हैं और लोग सांस की बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। जब भी ग्रामीण शिकायत करते हैं, तो उद्योग प्रबंधन रसूख के दम पर मामले को दबा देता है।
जीएसटी टीम का छापा: हिंद कोल ग्रुप के ठिकानों पर दबिश
खनिज विभाग भले ही सुस्त हो, लेकिन स्टेट जीएसटी विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग की टीमों ने सीपत क्षेत्र के गतौरा, बलौदा और हिंडाडीह में संचालित हिंद कोल ग्रुप की तीन यूनिटों (क्लीन कोल, रेडिएंट कोल और हिंद कोल बेनिफिकेशन) पर एक साथ छापा मारा। जांच में स्टॉक रजिस्टर और मौके पर मौजूद कोयले की मात्रा में भारी अंतर मिला है। जीएसटी अधिकारियों ने बताया कि दस्तावेजों की जांच की जा रही है और बड़ी कर चोरी का खुलासा हो सकता है।
ग्राफिक विवरण: कोयले के खेल का गणित
