- Hindi News
- अपराध
- छत्तीसगढ़ में जासूसी और सट्टेबाजी का गठजोड़: सोशल मीडिया बना देशविरोधी गतिविधियों का अड्डा
छत्तीसगढ़ में जासूसी और सट्टेबाजी का गठजोड़: सोशल मीडिया बना देशविरोधी गतिविधियों का अड्डा
छत्तीसगढ़ बना अंतरराष्ट्रीय साजिशों का गढ़, जनता से सतर्क रहने की अपील
रायपुर/ छत्तीसगढ़, जिसे देश का हरा-भरा और शांतिपूर्ण राज्य माना जाता है, आज एक गहरे और गंभीर खतरे की चपेट में आ चुका है। प्राकृतिक संसाधनों और सांस्कृतिक धरोहरों से भरपूर यह राज्य अब एक ऐसे अवैध नेटवर्क का केंद्र बन गया है, जो न केवल देश की आर्थिक व्यवस्था को नुकसान पहुँचा रहा है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक स्थायी खतरा बनता जा रहा है।
सूत्रों और जांच एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बीते कुछ वर्षों में विशेष रूप से 2017 के बाद जासूसी और अवैध सट्टेबाजी की गतिविधियाँ तेजी से बढ़ी हैं। इन गतिविधियों का संचालन मुख्य रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, यूट्यूब चैनलों और इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप्स के माध्यम से किया जा रहा है।
देशभर में सामने आए हालिया मामलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया अब सिर्फ अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं रह गया है। हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा और कुरुक्षेत्र के हरकीरत सिंह जैसे मामलों ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। इन दोनों को पाकिस्तान के संपर्क में रहकर देश की संवेदनशील जानकारी साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इसी पैटर्न को छत्तीसगढ़ में भी दोहराया जा रहा है। खुफिया सूत्रों की मानें, तो राज्य में 300 से अधिक सोशल मीडिया "इन्फ्लुएंसर" ऐसे हैं जो डिजिटल सामग्री निर्माण की आड़ में देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं। ये लोग जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हैं और यूट्यूब, फेसबुक, और इंस्टाग्राम जैसे मंचों के जरिए देशविरोधी प्रचार, संदिग्ध संचार और अवैध सट्टा नेटवर्क से जुड़े हुए हैं।
राजधानी रायपुर के कई इलाकों - जैसे अवंती विहार, खम्हारडीह, तेलीबांधा, रिंग रोड, महावीर नगर, वीआईपी रोड, टाटीबंध, भनपुरी, गोगागांव, गुढ़ियारी और समता कॉलोनी में ये गतिविधियाँ सबसे अधिक पाई गई हैं। हाल ही में रायपुर पुलिस ने एक ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट का भंडाफोड़ किया, जिसमें निर्दलीय पार्षद बब्बन लालवानी और उनके पिता नंदलाल लालवानी की गिरफ्तारी हुई। जांच में यह सामने आया कि इनके नेटवर्क का सीधा संबंध पाकिस्तान और दुबई जैसे देशों से था।
क्रिकेट सट्टेबाज़ी छत्तीसगढ़ में अब एक समानांतर अर्थव्यवस्था बन चुकी है। यह कारोबार दुबई, पाकिस्तान, यूएई, सिंगापुर, मलेशिया और हांगकांग तक फैला हुआ है। हवाला के माध्यम से पैसा विदेश भेजा जाता है, जो न केवल सट्टेबाजों की कमाई का जरिया बनता है, बल्कि इसी पैसे से जासूसी गतिविधियाँ भी फंड होती हैं।
छत्तीसगढ़ में रह रहे अवैध पाकिस्तानी और बांग्लादेशी नागरिक भी सुरक्षा एजेंसियों की चिंता का विषय बने हुए हैं। हाल ही में भिलाई के सुपेला से एक बांग्लादेशी महिला, पन्ना बीवी उर्फ अंजली उर्फ काकोली घोष को गिरफ्तार किया गया, जो फर्जी दस्तावेजों के सहारे भारत में रह रही थी। वह इमो ऐप के माध्यम से बांग्लादेश के संपर्क में थी और कई बार वहां की यात्रा भी कर चुकी थी।
इसके अलावा, अप्रैल 2025 में राज्य के तीन अलग-अलग घरों से 80 से अधिक अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास पश्चिम बंगाल से बने फर्जी आधार कार्ड और वोटर आईडी पाए गए। इनकी संदिग्ध गतिविधियाँ यह संकेत देती हैं कि वे किसी न किसी रूप में जासूसी या सट्टेबाजी नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने हाल ही में सभी सुरक्षा एजेंसियों को इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। NIA और CBI जैसे केंद्रीय जांच संस्थानों को अलर्ट पर रखा गया है। हरियाणा, गुजरात और पंजाब जैसे राज्यों में पहले ही इस तरह के मामलों में कार्रवाई हो चुकी है।
हरकीरत सिंह, जो पाकिस्तान जाने वाले सिख श्रद्धालुओं के वीजा की व्यवस्था करता था, और प्रवीण मिश्रा, जो भारतीय वायुसेना की गोपनीय जानकारी साझा कर रहा था, ये दोनों मामले इस साजिश की गहराई को दर्शाते हैं।
छत्तीसगढ़ में भी दुर्ग जिले की STF और स्थानीय पुलिस ने कई इलाकों में सर्चिंग अभियान चलाया है। यदि इन मामलों की गहन और स्वतंत्र जांच NIA या CBI द्वारा की जाए, तो देश के सामने कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
छत्तीसगढ़ में बढ़ रही इस अवैध डिजिटल गतिविधि पर तुरंत अंकुश लगाने की आवश्यकता है। केंद्र और राज्य सरकार को समन्वय के साथ कड़ी कार्रवाई करनी होगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए और डिजिटल निगरानी तंत्र को मजबूत किया जाना चाहिए।
जनता को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। यदि किसी क्षेत्र में संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि दिखाई दे, तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस या खुफिया एजेंसियों को दी जानी चाहिए।
