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ई-केवाईसी ने खोली फर्जीवाड़े की पोल: 30 लाख लोगों का राशन बंद, अब सालाना 21 करोड़ किलो चावल बचेगा
रायपुर। केंद्र सरकार की ई-केवाईसी योजना ने राशन कार्डों में चल रही बड़ी गड़बड़ी को उजागर किया है। इसके लागू होते ही शासन को बड़ी सफलता हाथ लगी है और अब करोड़ों रुपए की बचत भी होने वाली है। प्रदेश के जिन 30 लाख राशन कार्ड धारकों ने ई-केवाईसी नहीं कराया, उन्हें चावल मिलना बंद कर दिया गया है। खाद्य विभाग का कहना है कि ये लोग गलत तरीके से राशन उठा रहे थे, इसीलिए उन्होंने केवाईसी करवाने से किनारा कर लिया। अकेले रायपुर जिले में करीब तीन लाख लोगों का राशन बंद हुआ है।
विभाग के अनुसार, ये 30 लाख लोग पिछले तीन साल से लगातार राशन उठा रहे थे। प्रति व्यक्ति 7 किलो चावल के हिसाब से देखें तो अब हर साल लगभग 21 करोड़ किलो चावल की बचत होगी। पिछले तीन सालों के इस बड़े फर्जीवाड़े से सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगा है। अब खाद्य विभाग इस राशि की वसूली की तैयारी कर रहा है।
इस बीच, एक और बड़ी समस्या सामने आई है। कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने निजी कंपनियों को अपना खाता इस्तेमाल करने दिया, जिससे उनकी सालाना आय 6 लाख रुपए से ज़्यादा हो गई। नतीजतन, उनका नाम बीपीएल राशन कार्ड से कट गया है। अब ये लोग दोबारा नाम जोड़ने के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन उनके लिए कोई समाधान नहीं मिल रहा है। विडंबना यह है कि इधर लोगों को ठगी का शिकार बनाकर वे कंपनियां फरार हो चुकी हैं।
अफसरों ने बताया कि अभी धान खरीदी के चलते कर्मचारी और अधिकारी बेहद व्यस्त हैं। खरीदी पूरी होने के बाद गलत तरीके से राशन उठाने वाले लोगों से वसूली का काम शुरू किया जाएगा। विभाग पूरी तैयारी में है कि जो लोग यह राशि वापस नहीं करेंगे, उनकी संपत्ति कुर्क करके वसूली की जाएगी। यह वसूली खाद्य विभाग के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
