भूपेश बघेल और ACB चीफ के बीच 'डील' की अटकलें: क्या दब गया सूर्यकांत तिवारी विवाद?

 


रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी से जेल में मुलाकात और उसके बाद ACB चीफ के साथ हुई कथित मारपीट विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद अचानक उनकी चुप्पी ने राजनीतिक गलियारों और आम जनता के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह चुप्पी इस बात की अटकलों को जन्म दे रही है कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री और एसीबी के बीच कोई 'डील' हुई है, जिसके चलते यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया है।
मामले की शुरुआत में भूपेश बघेल इस विवाद को लेकर काफी मुखर थे। उन्होंने जेल में सूर्यकांत तिवारी से मुलाकात के बाद सार्वजनिक रूप से अपनी चिंताएं व्यक्त की थीं और उच्च न्यायालयों व राष्ट्रपति तक शिकायतें भेजी थीं। हालांकि, उन शिकायतों के बाद से इस मुद्दे पर उनकी तरफ से कोई बयान या टिप्पणी नहीं आई है। आम जनता के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि क्या इस खामोशी के पीछे कोई समझौता काम कर रहा है।
इसी बीच, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हाल ही में एसीबी द्वारा उठाए गए जमीन कारोबारी पप्पू बंसल को कथित तौर पर सरकारी गवाह बनाने की बात सामने आई है, जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया। इस घटनाक्रम ने भी पूर्व मुख्यमंत्री की चुप्पी से जुड़ी अटकलों को और हवा दी है। जनता का मानना है कि इन सभी घटनाओं का एक-दूसरे से संबंध हो सकता है, और संभवतः किसी बड़े समझौते के तहत इस मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री का इस मसले पर शांत रहना कई संदेहों को जन्म देता है। फिलहाल, न तो भूपेश बघेल और न ही एसीबी की ओर से इन अटकलों पर कोई आधिकारिक बयान आया है। जनता और राजनीतिक पर्यवेक्षकों की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह मामला फिर से गरमाएगा या हमेशा के लिए रहस्य बनकर रह जाएगा।

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