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बिलासपुर में भ्रष्टाचार की हद: मेडिकल बिल पास कराने बाबू ने मांगी घूस, ऑडियो वायरल होने से मचा हड़कंप
बिलासपुर। जिले के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का एक नया और शर्मनाक मामला सामने आया है। बिल्हा विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय के एक बाबू का ऑडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस ऑडियो में बाबू एक महिला कर्मचारी का मेडिकल बिल पास कराने के बदले खुलेआम रुपयों की डिमांड कर रहा है। वायरल बातचीत से साफ हो गया है कि दफ्तरों में बिना सेवा-पानी दिए कर्मचारियों के जायज बिल भी पास नहीं किए जा रहे हैं।मामले के अनुसार बिल्हा बीईओ दफ्तर में पदस्थ एक बाबू फोन पर किसी से चर्चा करते हुए कह रहा है कि अर्चना मिश्रा का मेडिकल बिल रोक देना। जब वह फोन करे तो कह देना कि फाइल अभी दफ्तर आई ही नहीं है। बाबू यहीं नहीं रुका, उसने आगे कहा कि वह बोल रही थी कि उसने सीएमओ ऑफिस और दफ्तर में 10-10 हजार दे दिए हैं, तो क्या हम मूर्ख हैं जो काम करके उसके लिए बजट लाएंगे। इस बातचीत ने विभाग में चल रहे कमीशन के खेल की पोल खोल दी है।
मस्तूरी के बाद अब बिल्हा में भी वही खेल
जिले में शिक्षा विभाग के भीतर घूसखोरी का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले मस्तूरी बीईओ कार्यालय से भी इसी तरह के ऑडियो और शिकायतें सामने आ चुकी हैं। सूत्रों की मानें तो बिल्हा दफ्तर में लंबे समय से यह धंधा चल रहा है। यहां नियम है कि पहले कर्मचारी को बिल के नाम पर परेशान किया जाता है और जब वह घूस देने को तैयार हो जाता है, तभी फाइल आगे बढ़ती है।
बिलासपुर डीईओ विजय टांडे ने बताया कि मेडिकल बिल के बदले पैसों की मांग करना बेहद गंभीर मामला है। वायरल ऑडियो की जांच कराई जा रही है। संबंधित कर्मचारियों को नोटिस जारी किया जाएगा और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
आम आदमी का दर्द ....
एक तरफ शिक्षक बीमार होने के बाद इलाज के खर्च की भरपाई के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ दफ्तरों में बैठे साहब उनकी मजबूरी का सौदा कर रहे हैं। अर्चना मिश्रा जैसी कई महिला कर्मचारी हैं जो ईमानदारी से अपना काम करती हैं, लेकिन सिस्टम की इस सड़न के कारण उन्हें अपनी ही मेहनत की कमाई और हक के पैसों के लिए बाबूओं के आगे हाथ फैलाना पड़ रहा है।
