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SIR...लापरवाही पड़ेगी भारी: 11 दिसंबर तक फॉर्म नहीं भरा तो दफ्तरों के चक्कर काटते रह जाएंगे मतदाता
बिलासपुर। निर्वाचन आयोग ने इस बार मतदाता सूची में नाम जुड़वाने को लेकर सख्त चेतावनी जारी की है। जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन 11 दिसंबर तक फॉर्म जमा नहीं करने पर लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आयोग ने साफ कहा है कि अगर पहली ड्राफ्ट सूची में नाम गायब मिला, तो फिर तहसील से लेकर रायपुर तक के दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ सकते हैं।
16 दिसंबर को आएगी ड्राफ्ट सूची
चुनावी अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, इस अभियान में गणना प्रपत्र जमा करने की अंतिम तारीख 11 दिसंबर है। इसके बाद 16 दिसंबर को पहली ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी कर दी जाएगी। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर ड्राफ्ट सूची में किसी का नाम नहीं आया, तो आगे की प्रक्रिया इतनी लंबी और जटिल होगी कि आम आदमी थक जाएगा।
ऐसे मामलों में वोटर को निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी ईआरओ के सामने सभी दस्तावेजों के साथ पेश होना पड़ेगा। अगर ईआरओ संतुष्ट नहीं हुआ तो मामला कलेक्टर के पास जाएगा। बात यहीं नहीं थमेगी, ज़रूरत पड़ने पर मामला सीधे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सीईओ छत्तीसगढ़, रायपुर के स्तर तक पहुँच सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि सीईओ की असंतुष्टि होने पर मतदाता का नाम सूची से हटाया भी जा सकता है।
छोटी गलती पड़ेगी भारी
अधिकारियों ने अपील की है कि एसआईआर फॉर्म को समय पर जमा करना इस बार केवल सरकारी औपचारिकता नहीं है, बल्कि नागरिक अधिकारों की सुरक्षा से जुड़ा अहम दायित्व बन गया है। वेबसाइट पर बढ़ते लोड और बीएलओ की दोहरी जिम्मेदारियों को देखते हुए अधिकांश जिलों ने 4 दिसंबर से पहले ही फॉर्म भरने की अपील की है। अधिकारियों ने कहा है कि एक छोटी सी लापरवाही आने वाली पीढ़ियों के मताधिकार पर भी असर डाल सकती है, इसलिए जनता को इस प्रक्रिया को गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है।
देरी पर भी है रास्ता, पर आसान नहीं
अगर कोई पात्र मतदाता 11 दिसंबर तक फॉर्म जमा नहीं कर पाता है, तो उसके लिए दावा आपत्ति अवधि (16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026) में फार्म 6 भरकर नाम जुड़वाने का एक रास्ता है, लेकिन यह रास्ता आसान नहीं है। संदेहास्पद दस्तावेज मिलने पर ईआरओ तुरंत नोटिस जारी करेगा। इसके बाद सुनवाई और सत्यापन की लंबी प्रक्रिया चलेगी, जिसका अंतिम निर्णय 31 जनवरी 2026 तक आएगा। इस निर्णय के विरुद्ध कलेक्टर और फिर सीईओ रायपुर के समक्ष अपील की जा सकेगी। सभी दावा आपत्तियों के बाद अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
